Make in India: पूरे हुए 8साल, उद्योग के प्रयासों से खिलौनों के निर्यात में हुई दोगुनी बढ़ोतरी

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केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम मेक इन इंडिया(Make in India) को 8 साल पूरे हो गए हैं। 2014 में शुरू हुआ था ये कार्यक्रम। इन 8 सालों में वार्षिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(FDI) इन 8 सालों में दोगुना होकर 83 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है। बात करें साल 2014-15 में FDI वित्त वर्ष 45.15 अरब डॉलर था जो वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 83.6 अरब डॉलर हो गया है।

101 देशो में भारत ने कई अलग अलग सेक्टरों में किया निवेश

दुनिया के 101 देशों ने भारत के 31 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में 57 अलग-अलग सेक्टरों में निवेश किया है। सरकार का लक्ष्य इस वित्त वर्ष में 100 अरब डॉलर एफडीआई का है। वहीं इस योजना में खिलौना उद्योग में भी 636 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बात की जाए अगर आकंड़ो की तो कुछ इस प्रकार से मेक इन इंडिया में प्रोग्राम के कारण खिलौना उद्योग में 2013 के मुकाबले 2022 में 636 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2018-19 में देश में 371 मिलियन डॉलर (2960 करोड़ रुपये) के बराबर के खिलौनों का आयात हुआ करता था। अब इसमें, 2021-22 में 70 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है और ये 110 मिलियन डॉलर (877.8 करोड़ रुपये) तक पहुंच गया है।

उद्योग के प्रयासों से खिलौनों के निर्यात में हुई इतनी वृद्धि

उद्योग के प्रयासों की बदौलत वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 326 मिलियन डॉलर (2601.5 करोड़ रुपये) के खिलौनों का निर्यात किया गया है जो वित्त वर्ष 2018-19 के 202 मिलियन डॉलर (1612 करोड़ रुपये) की तुलना में 61 प्रतिशत से अधिक है। खिलौनों के निर्यात में अप्रैल-अगस्त 2022 में 2013 में इसी अवधि के मुकाबले 636 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

मेक इन इंडिया की अन्य उपलब्धियां

200 से अधिक मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित

मोबाइल फोन के निर्यात में 250 फीसदी की बढ़ोत्तरी

रक्षा क्षेत्र में उपलब्धि

-आईएनएस विक्रांत

-अर्जुन मार्क 1 ए टैंक

-तेजस एयरक्राफ्ट

-आकाश

-आईएनएस कलवरी

-पिनाका रॉकेट

-बुलेटप्रुफ प्लेक्सिबल आर्मर

-नेक्सट जेनरेशन ब्रह्मोस मिसाइल

डाटा

-3,15,663 बिजनेस के लिए अनुरोध

-196.18 बिलियन डॉलर का निवेश कतार में

4,58,964 नौकरियां

-14 सेक्टर में 1.97 लाख करोड़ के विनिर्माण की स्वीकृति

मेक इन इंडिया कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदम

डिजिटाइजेशन के जरिए प्रक्रिया को आसान करना

मैन्युफैक्चरिंग की क्वॉलिटी कंट्रोल

एक जिला एक उत्पाद पहल के तहत जिले से स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा