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रेवड़ी कल्चर पर सुप्रीम कोर्ट ने कहीं बड़ी बातें जानें

गुरूवार को रेवड़ी कल्चर  मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस  मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मुद्दे को तीन जजों वाली बेंच को रिफर कर दिया है। मिली जानकारी के हिसाब से इस मसले को लेकर विशेषज्ञ समिति का गठन भी किया जाएगा। इसी बीच कोर्ट ने लोकतंत्र की ताकत की भी बात कही।

याचिका में क्या कहा गया?

आपको बता दें कि उच्च न्यायालय ने चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाने के लिए ‘मुफ्त’ का वादा करने वाले राजनीतिक दलों पर बैन लगाने की मांग की गई थी। बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में 22 जनवरी 2022 को ये याचिका दाखिल की थी। इसमें राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त की घोषणाओं और वादों पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इसके साथ ही मुफ्त वादे वालों राजनीतिक दलों पर कड़े कदम उठाने की बात कही थी।

आज आए आदेश के पहले सुप्रीम कोर्ट ने फ्रीबी मुद्दे पर सुनवाई करते हुए कहा कि हमें यह परिभाषित करना होगा कि फ्रीबी क्या है. साथ ही जनता के पैसे को कैसे खर्च किया जाए हम इसका परीक्षण करेंगे। 17 अगस्त को सुनवाई के दौरान बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि राजनीतिक दलों को चुनावी वादे करने से रोका नहीं जा सकता है, लेकिन ‘फ्री में रेबड़ी ‘ और ‘असल कल्याणकारी योजनाओं’ के बीच के अंतर को समझना होगा। सुप्रीम  कोर्ट ने ये भी कहा था कि जब तक ये फ्री वाली राजनीति से कहीं न कहीं  हमारी अर्थव्यवस्था  का भारी नुकसान  होता रहेगा।

 राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में पंखे और ग्राइंडर मशीन देने की घोषणा भी कई बार की जा चुकी है। इसपर कोर्ट ने कहा था कि ये समानता के अधिकार का उल्लंघन नहीं है। इसके साथ ही इसमें कुछ गलत भी नहीं है।

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