
India लगातार आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ा रहा है. जिसकी बानगी गुरुवार को मद्रास Madras में देखने को मिली. Madras IIT में 5G कॉल का सफल परीक्षण किया गया. केंद्रीय सूचना प्रोद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव Ashwini Vaishnaw ने इसकी जानकारी दी.
नेटवर्क का डिजाइन भारत में विकसित
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि नेटवर्क का सारा डिजाइन भारत में ही विकसित किया गया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने 5G नेटवर्क पर वीडियो कॉल भी की. 5G टेस्ट बेड को टोटल 8 इंस्टीट्यूट ने मिलकर डेवलप किया है. इसे IIT मद्रास के नेतृत्व में डेवलप किया गया है.
220 करोड़ में प्रोजेक्ट पूरा
गौरतलब है कि, इस प्रोजेक्ट में IIT दिल्ली, IIT हैदराबाद, IIT बाम्बे, IIT कानपुर, IISc बैंगलोर, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च SAMEER और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलाजी CEWiT शामिल हैं. इस प्रोजेक्ट को विकसित करने के लिए करीब 220 करोड़ रुपए लगे हैं. वहीं, टेलीकॉम मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई थी कि इस साल के अंत तक 5G टेक्नोलॉजी को तैयार कर लिया जाएगा.
1947 में हुई TRAI की स्थापना
आपको बता दें कि, TRAI ट्राई की स्थापना 1997 में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 के माध्यम से हुई थी. दूरसंचार पर कंट्रोल के लिए इसकी स्थापना की गई थी. अभी PD Vaghela TRAI के चेयरमैन हैं. देश के पीएम मोदी ने 17 मई को 5 G टेस्टबेड को लॉन्च किया था. 5G टेस्टबेड देश की टेलीकॉम इंडस्ट्री और स्टार्टअप को सपोर्ट करेगा. जिससे संचार तकनीक बहुत मजबूत होगी.
PM Modi पीएम मोदी ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की ओर एक मजबूत कदम है. देश तेजी से आगे बढ़ रहा है. अगले 15 साल में 5G नेटवर्क से देश की अर्थव्यवस्था को 450 बिलियन डॉलर तक की वृद्धि मिलेगी. पीएम ने आगे कहा कि, हमने गरीब से गरीब के हाथ तक मोबाइल पहुंचाने पर जोर दिया. अब हर कोई भारत को डिजिटल बनाने में लगा है.