कोविड के वैरिएंट से मुकाबला करने के लिए भारतीय सेनाओं विम्सटेक देशों के साथ तैयार, अभ्यास 20-22 दिसंबर को

महामारी के नित्य नए वैरिएंट के मद्देनजर भारतीय सेना बिम्सटेक देशों के साथ मिलकर एक बहुराष्ट्र आपदा प्रबंधन का आयोजन कर रही हैं। इसको लेकर हुए सम्मेलन में सैन्य बलों के प्रमुख बिपिन रावत और सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने वायरस जनित महामारियों से मुकाबला करने के लिए तैयार रहने पर जोर दिया है।
नई दिल्ली में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन- डीआरडीओ भवन के कोठारी ऑडिटोरियम में मंगलवार को बिम्सटेक देशों के सदस्य राष्ट्रों के लिए मानवीय सहायता एवं आपदा राहत अभ्यास, पैनेक्स-21 से पूर्व एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह अभ्यास 20 से 22 दिसंबर 2021 तक पुणे में आयोजित करने की योजना है और इसमें भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका तथा थाईलैंड के विषय विशेषज्ञों एवं प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने की। बिम्सटेक के महासचिव तेनजिन लेकफेल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, एकीकृत स्टाफ के प्रमुख (सीआईएससी) एयर मार्शल बीआर कृष्णा और बिम्सटेक राष्ट्रों के उच्चायुक्त तथा राजदूत भी समारोह में शामिल हुए।
अपने उद्घाटन भाषण में सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने इस आयोजन में शामिल सदस्य देशों के सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया और उनसे भविष्य में महामारी जैसी आकस्मिक आपदाओं से निपटने में संयुक्त अंतरराष्ट्रीय समन्वय हेतु तंत्र विकसित करने के लिए इस अवसर का उपयोग करने का आग्रह किया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने ‘बिम्सटेक राष्ट्रों के बीच रक्षा सहयोग’ पर चर्चा करते हुए सदस्य देशों की सुरक्षा एवं न्यायिक एजेंसियों के बीच रक्षा सहयोग की सुविधा के लिए सामूहिक कानूनी ढांचे को तैयार करने और सूचना साझाकरण तंत्र विकसित करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने अपने संबोधन के दौरान प्रतिभागियों का ध्यान भारत की “पड़ोसी पहले” नीति के हिस्से के रूप में, बिम्सटेक को भारत द्वारा दिए गए महत्व की ओर आकर्षित किया।
उन्होंने कहा कि पिछले दो बिम्सटेक आपदा प्रबंधन अभ्यास (दिल्ली में डीएमईएक्स-2017 और पुरी में डीएमईएक्स-2020) की सफलता आपसी समन्वय तंत्र को बढ़ावा देती है, जिसे बिम्सटेक राष्ट्र साझा करते हैं।
अजय भट्ट ने कहा कि एक विषाणुजनित महामारी की पृष्ठभूमि में प्राकृतिक आपदाओं का प्रबंधन जटिल जोखिम पैदा करता है, जिसका मुकाबला किसी एक संस्था द्वारा नहीं किया जा सकता है, इसके लिए पूरे राष्ट्र के संयुक्त दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। उन्होंने तेजी से और समन्वित बचाव एवं राहत अभियान पर प्रकाश डाला, जो भारत में कोविड के मामलों की बढ़ती संख्या तथा चल रहे राष्ट्रीय लॉकडाउन के बावजूद शुरू किया गया था।
उन्होंने कहा कि प्रभावित जनमानस को राहत प्रदान करने में शामिल सभी एजेंसियों और संगठनों द्वारा मिलजुल कर प्रयास किए गए तथा हर राष्ट्रीय संसाधन को लोगों के कीमती जीवन बचाने और पशुधन, संपत्ति एवं बुनियादी ढांचे के नुकसान को कम करने के लिए तैयार किया गया। उन्होंने कोविड जैसी महामारी की स्थिति पर काबू पाने के लिए संयुक्त रणनीति और सहयोग पर भी जोर दिया।
रक्षा राज्य मंत्री ने सदस्य देशों से क्षमता विकास और प्रशिक्षण के लिए एक व्यापक बिम्सटेक अवसंरचना विकसित करने तथा आपदाओं के लिए संयुक्त कार्रवाई हेतु संसाधन जुटाने में संस्थागत संगठनों, तंत्र, प्रोटोकॉल एवं कानूनी ढांचे द्वारा सहायता प्राप्त आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों का एक क्षेत्रीय पूल बनाने का आग्रह किया।
इस कार्यक्रम के दौरान अजय भट्ट द्वारा आगामी अभ्यास के उपलक्ष्य में एक पोस्टर का भी अनावरण किया गया। इस अभ्यास दौरान 20 दिसंबर से 22 दिसंबर 2021 तक पुणे में एक सेमिनार, टेबल टॉप अभ्यास और बहु-एजेंसी प्रशिक्षण की योजना बनाई गई है। कार्यक्रम का समापन फिक्की के सहयोग से भारतीय उद्योगों द्वारा मानवीय सहायता एवं आपदा राहत कार्यों की योजना बनाने, कार्यक्रम तैयार करने तथा संचालन में सरकारी एजेंसियों की सहायता के लिए अपनी क्षमताओं, नवाचारों और उपलब्ध उत्पादों की श्रृंखला का प्रदर्शन करने के साथ होगा।
कॉपी: आलोक वर्मा