स्वच्छता का एक और मिशन, Vehicle Scrapping Policy, एक वैज्ञानिक कदम

गांधीनगर: शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में आयोजित ‘इनवेस्टर समिट’ को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने ऑटोमोबाइल स्क्रैपिंग पॉलिसी की शुरुआत करने का ऐलान किया। समिट में उन्होंने अयोग्य वाहनों को हटाने की बात की। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने इस पॉलिसी के फायदे गिनाते हुए कहा,
- सबसे पहला लाभ ये होगा कि पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करने पर एक सर्टिफिकेट मिलेगा। ये सर्टिफिकेट जिसके पास होगा, उसे नई गाड़ी की खरीद पर रजिस्ट्रेशन के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा। इसके साथ ही उसे रोड टैक्स में भी कुछ छूट दी जाएगी।
- दूसरा लाभ ये होगा कि पुरानी गाड़ी की मेंटेनेन्स् कॉस्ट, रिपेयर कॉस्ट और ईंधन क्षमता (Fuel Efficiency) में भी बचत होगी।
- तीसरा लाभ सीधा जीवन से जुड़ा है। पुरानी गाड़ियों, पुरानी टेक्नॉलॉजी के कारण रोड एक्सीडेंट का खतरा बहुत अधिक रहता है, उससे मुक्ति मिलेगी।
- चौथा, इससे हमारे स्वास्थ्य पर प्रदूषण के कारण जो असर पड़ता है, उसमें कमी आएगी। ये नीति देश में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश लाएगी और हज़ारों रोज़गार का निर्माण करेगी।”
मेटल सेक्टर में देश की आत्मनिर्भरता को मिलेगी नई ऊर्जा- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
“भारत में लगभग एक करोड़ गाड़ियां ऐसी थीं, जो वैलिड फिटनेस के बिना चल रही थीं। इससे प्रदूषण भी बढ़ रहा था और तेल का काफी खर्च हो रहा था। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से ये मानदंडों को पूरा नहीं कर रही थीं। इन्हीं विचारों से स्क्रैपिंग पॉलिसी की शुरुआत हुई। नई स्क्रैपिंग नीति ‘कचरे से कंचन’ के अभियान की सर्कुलर अर्थव्यवस्था की एक अहम कड़ी है। ये नीति शहरों से प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के साथ तेज़ विकास की हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। ये नीति मेटल सेक्टर में देश की आत्मनिर्भरता को भी नई ऊर्जा देगी।”
उन्होंने आगे कहा, “कि इस पॉलिसी में वाहनों को एक फिटनेस टेस्ट से गुजरना पड़ेगा। इसके लिए पूरे देश में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में 400-500 व्हीकल फिटनेस सेंटर बनाए जाएंगे। जहां 60 से 70 रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग सेंटरों का निर्माण होगा। हमारी कोशिश है कि व्हीकल को फिटनेस टेस्ट के लिए 150 से 200 किलोमीटर से अधिक दूर न ले जाना पड़े। ये सेंटर फुल ऑटोमेटेड होंगे।
गडकरी ने कहा कि, ”इस पॉलिसी से नए वाहन की कीमत 40% तक कम हो जाएगी, क्योंकि पुरानी गाड़ियों से 99% तक का मेटल रिकवर हो जाने की संभावना है। साथ ही इलेक्ट्रिक सामान और वाहनों के लिए भी कॉपर, लीथियम जैसे कच्चे माल की उपलब्धता भी कम दामों हो सकेगी। इससे प्रोडक्ट भी कीमतों में भी गिरावट आएगी।“
उन्होने कहा, “स्क्रैपिंग उद्योग को बढ़ावा मिलने से नई नौकरियां तो आएंगी ही, साथ ही नए वाहनों की बिक्री से सरकार को GST के जरिए 30,000-40,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू भी प्राप्त होगा। इससे रोड सेफ्टी बढ़ने के साथ-साथ प्रदूषण भी दूर किया जा सकेगा।”
गुजरात के भावनगर में बनेगा पहला स्क्रैपिंग पार्क
- देश का पहला व्हीकल स्क्रैपिंग पार्क, गुजरात के भावनगर जिले में तैयार करने की योजना है। इसके MoU (Memorandum of Understanding) पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। ये समझौता पीएम मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और गुजरात के सीएम विजय रूपाणी की मौजूदगी में हुआ। सरकार के साथ 7 कंपनियों द्वारा MoU साइन किया गया है। इनमें छ: गुजरात की और एक असम की कंपनी शामिल हैँ।
- इस पॉलिसी में 15 साल पुरानी कमर्शियल गाड़ियाँ और 20 साल पुराने प्राइवेट व्हीकल्स को स्क्रैप किया जाएगा। लेकिन यदि व्हीकल्स 15 साल से कम पुराने भी हैं और फिटनेस टेस्ट में अनफिट साबित होते हैं, तो भी उन्हें स्क्रैप कर दिया जाएगा। ऐसा अनुमान है कि स्क्रैप पॉलिसी के घेरे में तकरीबन 51 लाख, 20 साल से ज्यादा पुराने हल्के वाहन और 34 लाख, 15 साल से अधिक पुराने हल्के मोटर वाहन आएंगे।
इसके अलावा, 15 साल से ज्यादा पुराने हो चुके, 15 लाख मीडियम और हैवी मोटर वाहनों के भी पॉलिसी के दायरे में आने की संभावना है। कोई वाहन अगर फिटनेस टेस्ट में फेल होता है या उसका फिटनेस सर्टीफिकेट नहीं बना है, तो उसे सड़कों से हटाना होगा, अन्यथा भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
स्क्रैपिंग नीति लागू होने की तारीख़?
- फिटनेस टेस्ट और स्क्रैपिंग सेंटर के लिए नियम: 1 अक्टूबर 2021
- सरकारी और PSU के लिए 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों को स्क्रैप करना: 01 अप्रैल 2022
- भारी वाणिज्यिक वाहनों के फिटनेस की अनिवार्य जांच: 01 अप्रैल 2023
- अनिवार्य फिटनेस परीक्षण (अन्य श्रेणियों के लिए चरण बद्ध क्रम में ): 01 जून 2024