पाकिस्तान: TTP के हमले में सेना के कैप्टन की मौत; बलूचिस्तान में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ की रिंग टोन रखने का आदेश

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूख्वा राज्य में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में पाकिस्तानी फौज के एक कैप्टन की मौत हो गई। यहाँ इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की सरकार है। इस हमले की ज़िम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली है। TTP ने पाकिस्तान में एक महीने में 7वां हमला किया है।
ख़ूफ़िया जानकारी मिलने के बाद मिलिट्री ऑपरेशन करने गए थे कैप्टन
पाकिस्तानी सेना ने गुरुवार की शाम को एक बयान जारी करते हुए कहा कि ‘हमले में मारे गए 27 वर्षीय कैप्टन सिकंदर आतंकियों के छिपे होने की खूफ़िया जानकारी मिलने के बाद उस इलाके में मिलिट्री ऑपरेशन करने गए थे, उसी वक्त पाकिस्तान तालिबान के आतंकियों ने हमला कर दिया। सिकंदर फायरिंग के बीच फंस गए थे, जिसमें उनकी मौत हो गई। इस एनकाउंटर में एक आतंकी भी मारा गया है।
‘इस इलाके में किसी सरकारी अफसर को काम नहीं करने देंगे’- TTP
पाकिस्तान में तालिबानी हमले रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। वह पाकिस्तानी फौज पर लगातार हमले करता जा रहा है। TTP ने पाकिस्तान सरकार को स्पष्ट चुनौती देते हुए कहा कि ‘इस इलाके में वो किसी सरकारी अफसर या कंपनी को काम नहीं करने देंगे।‘
हमले रोकने के लिए तालिबान को मनाने की कोशिश करता पाकिस्तान
पाकिस्तानी सरकार अफगान तालिबान को मनाने की कोशिशों में लगी है, ताकि वो TTP को पाकिस्तान में हमले करने से रोक दें। इन हमलों के अलावा अपने कई फायदों के चलते वो पूरी दुनिया से तालिबानी सरकार को मान्यता देने की पैरवी भी करता रहता है। लेकिन अफगान तालिबान ने अपना रूख साफ करते हुए कहा है कि ‘यह पाकिस्तान का अंदरूनी मामला है और हम TTP के मामले में दखल नहीं देंगे।‘
‘बलूचिस्तानी आतंकियों पनाह देता है ईरान’- पाकिस्तान
वहीं एक ओर बलूचिस्तान से लगने वाले ईरान बॉर्डर पर भी तनाव बढ़ जा रहा है। गुरुवार के ही दिन यहाँ पाकिस्तानी फौज का एक सूबेदार रैंक का अधिकारी बलूचिस्तान के आतंकियों द्वारा मार दिया गया। पाकिस्तान ईरान पर बलूचिस्तान के आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाता रहता है।
बलूचिस्तान में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ की रिंगटोन लगाने का फरमान
वहीं दूसरी ओर, बलूचिस्तान सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को एक आदेश जारी कर सभी को अपने मोबाइल फोन में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ की रिंगटोन का लगाने को कहा है। उनका कहना है कि ‘इस आदेश से लोगों में देश के प्रति सम्मान और प्रेम बढ़ेगा।’ बता दें, बलूचिस्तान के लोग करीब 70 सालों से अलग देश की मांग कर रहे हैं। जिसकी वजह से यहाँ अक्सर आतंकी हमले होते रहते हैं।