PM मोदी कल करेंगे सोनमर्ग सुरंग का उद्घाटन, जानिए क्या- क्या हैं सुविधाएं

Z-Morh Tunnel Inauguration : PM मोदी कल करेंगे सोनमर्ग सुरंग का उद्घाटन, जानिए क्या- क्या हैं सुविधाएं
Z-Morh Tunnel Inauguration : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल (13 जनवरी) जम्मू-कश्मीर में सोनमर्ग सुरंग का उद्घाटन करेंगे। जिसकों लेकर तैयारी जोरों पर हैं। वहीं पीएम मोदी की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस टनल को सोनमर्ग को पूरे साल पर्यटन के लिए खुला रखने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह परियोजना क्षेत्रीय विकास और कनेक्टीविटी में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है। बता दें कि इस सुरंग नाम जेड-मोड़ से लिया गया है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंदेरबल जिले में 6.5 किमी लंबी जेड-मोड़ टनल का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी के इस ऐतिहासिक दौरे के मद्देनजर कश्मीर में हाई अलर्ट है। मध्य कश्मीर के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर अतिरिक्त चौकियां स्थापित की हैं और विशेष रूप से मध्य कश्मीर में निगरानी बढ़ा दी है, ताकि सुरक्षित और सुचारू कार्यक्रम सुनिश्चित किया जा सके।
जेड-मोड़ टनल की लंबाई 6.5 किलोमीटर है
यह जेड-मोड़ टनल गगनगीर से सोनमर्ग तक फैली हुई है, इसकी लंबाई कुल 6.5 किलोमीटर है। बता दें कि सोनमर्ग, जम्मू-कश्मीर का खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यह अपने जाड़े के मौसम में भारी बर्फबारी के लिए प्रसिद्ध है। सर्दियों में यहां का तापमान -25 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है, जिससे यह इलाका 4 महीनों तक देश के अन्य हिस्सों से कटा रहता था। लेकिन अभी इस टनल के बन जाने से न सिर्फ पर्यटक साल भर सोनमर्ग की सैर कर पाएंगे बल्कि लेह लद्दाख के लोगों का सफर करना भी आसान हो जाएगा।
आधुनिक सुविधाओं से लैस है यह टनल
अब यह सुरंग सोनमर्ग को पहलगाम और गुलमर्ग की तरह साल भर पर्यटकों के लिए सुलभ बनाएगी. यह लेह-लद्दाख में रहने वाले लोगों और यात्रियों के लिए भी सफर को बेहद आसान बना देगी। बता दें कि इस टनल में दो लेन हैं। उसमें इमरजेंसी के लिए भी इंतजाम हैं जिसे एस्केप टनल भी कहा कहा जाता है। यह टनल 100 % तैयार हो चुकी है। इस टनल में वो सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं जो मौजूदा दौर के हिसाब से जरूरी हैं। खासकर सीसीटीवी कैमरा, वाईफाई कनेक्टिविटी, इसके अलावा इस टनल में कई क्रॉस गैलरी बनाये गाये हैं, जिसका इस्तेमाल आग या किसी अन्य दुर्घटना के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है। इन् क्रॉस गैलरी में मोटर गाड़ी से या पैदल चलने की सुविधा होगी।
सुरंग हिमस्खलन से पूरी तरह से सुरक्षित
यह सुरंग पूरी तरह से हिमस्खलन से सुरक्षित है, जिससे यात्रियों को पूरे साल निर्बाध यात्रा का अनुभव मिलेगा। जेड-मोड़ टनल का महत्व केवल आम नागरिकों और पर्यटकों तक सीमित नहीं है बल्कि यह सैनिकों और देश की सुरक्षा के लिए भी अहम है। लद्दाख और कारगिल होते हुए भारत की सीमाएं चीन और पाकिस्तान से मिलती हैं। यह सुरंग सैन्य बलों को तेजी से आवाजाही की सुविधा देकर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण होगी।
पीएम ने उमर अब्दुल्ला के पोस्ट पर किया रिप्लाई
वहीं जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जेड-मोड़ सुरंग के उद्घाटन से संबंधित तैयारियों का जायजा लेते हुए एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है। जिसमे उन्होंने लिखा, ‘जेड-मोड़ सुरंग के उद्घाटन से सोनमर्ग पूरे साल पर्यटकों के लिए खुला रहेगा। सोनमर्ग अब एक बेहतरीन स्की रिसॉर्ट के रूप में विकसित होगा। स्थानीय लोगों को सर्दियों में बाहर नहीं जाना पड़ेगा और श्रीनगर से कारगिल/लेह तक की यात्रा का समय भी कम हो जाएगा।’ अब्दुल्ला ने सुरंग की कई तस्वीरें भी साझा की हैं।
वहीं उमर अब्दुल्ला के पोस्ट पर पर पीएम मोदी ने रिप्लाई करते हुए कहा कि वो अपनी इस यात्रा को लेकर उत्सुक हैं।
जेड-मोड़ सुरंग के बारे में सब कुछ
जेड-मोड़ सुरंग जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग को जोड़ती है. यह 6.5 किमी तक फैली है. यह सुरंग समुद्र तल से 2,637 मीटर (8,652 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। इसे 80 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से प्रति घंटे 1,000 वाहनों को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है। बता दें कि सुरंग का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) का उपयोग करके किया गया है। जेड-मोड़ सुरंग NH1 श्रीनगर-लेह राजमार्ग का हिस्सा है। इस परियोजना को 24 अरब रुपये की लागत से मंजूरी दी गई थी।
सुरंग एक वेंटिलेशन सिस्टम से लैस है और इसके दो पोर्टल हैं – पश्चिमी और पूर्वी। जेड-मोड़ सुरंग 31 सुरंगों में से एक है। सुरंग बनने से पहले, यह रास्ता सर्दियों के महीनों के दौरान हिमस्खलन और असुरक्षित होने के लिए बदनाम था। अब 6.5 किलोमीटर की दूरी अब सिर्फ 15 मिनट में तय की जा सकती है, जबकि पहले टेढ़ी-मेढ़ी पहाड़ी सड़क पर चलने में घंटों लगते थे।
सुरंग का रणनीतिक महत्व भी
जेड- मोड़ सुरंग रणनीतिक तौर पर भी काफी महत्वपूर्ण है। इससे श्रीनगर और कारगिल के बीच बिना रुकावट यात्रा पूरी होगी, जिसका सबसे बड़ा फायदा सैनिकों को होगा और वे लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में जल्द पहुंच पाएंगे। इससे सीमा के नजदीक तक सुरक्षाबलों और रसद की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इसके अलावा, सुरंग से मौजूदा 49 किलोमीटर की दूरी घटकर 43 किलोमीटर रह जाएगी और वाहन भी 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगे।
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