90 लोगों की गिरफ्तारी के साथ हमले में टूटे मंदिर को बनाया गया- पाकिस्तान सरकार
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में पिछले सप्ताह तोड़े गए एक मंदिर को बनवा लिया गया है। पाकिस्तान सरकार ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पिछले सप्ताह लाहौर में तोड़े गए एक हिंदू मंदिर को फिर से ठीक कर लिया गया है और संबंधित मामले में लगभग 90 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।
4 अगस्त को लाहौर से लगभग 600 किलोमीटर दूर रहीम यार ख़ान ज़िले के भोंग शहर में सैकड़ों लोगों ने डंडों, पत्थरों और ईंटों से मंदिर पर हमला किया था, जिसमें मंदिर के कुछ हिस्से जल गए और मंदिर में मूर्तियों को नुक़सान हुआ।
दरअसल, हमला करनेवाले लोग ईशनिंदा के आरोप में गिरफ़्तार आठ साल के एक हिंदू लड़के की अदालत से रिहाई को लेकर नाराज़ थे। जिस पर कथित तौर से आरोप थे कि उसने एक स्थानीय मदरसे की लाइब्रेरी में पेशाब किया है, जिसके लिए उसे गिरफ़्तार किया गया था।
ज़िले के पुलिस अधिकारी रहीम यार ख़ान असद सरफ़राज़ ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, सरकार ने मंदिर के जीर्णोद्धार का काम पूरा कर उसे स्थानीय हिंदू समुदाय को सौंप दिया है।
उन्होंने साथ ही ये भी बताया कि, “अब तक कुल 90 संदिग्ध लोगों को वीडियो फ़ुटेज की मदद से गिरफ़्तार कर, अदालत के सामने पेश किया गया है।”
मंदिर में हुई तोड़फोड़ के मामले की भारत और पाकिस्तान दोनों ने निंदा की थी।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बुज़दार ने इसे एक शर्मनाक हमला बताया था।
पाकिस्तान के सरवोच्च न्यायालय ने भी पिछले शुक्रवार को हमले को नहीं रोक पाने के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई थी। साथ ही कहा था कि इस घटना से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि ख़राब हुई है और उस पर दाग़ लगा है।
वहीं बलोचिस्तान प्रांत की सत्ताधारी पार्टी बलोचिस्तान अवामी पार्टी के एक हिंदू नेता और सीनेटर दिनेश कुमार ने मंदिर पर हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि ये पाकिस्तान की ओर से अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ एक साज़िश है।
उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि मंदिर थाने से केवल दो किलोमीटर दूर था, लेकिन फिर भी पुलिस इसे बचाने में नाकाम रही। इतना ही नहीं हिंदू लोगों ने पुलिस को हमले के ख़तरे की सूचना भी दी थी लेकिन फिर भी कुछ नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि ये बात और भी ज्यादा निंदनीय हो जाती है कि राजनीतिक नेतृत्व ने इस घटना पर बस एक बयान जारी किया। लेकिन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई व्यावहारिक क़दम नहीं उठाया।