सदन में बजी सीटियां, सभापति वेंकैया नायडू नाराज़, दी चेतावनी

नई दिल्ली: राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में सांसदों के व्यवहार के लिए चिंता व्यक्त की है। मानसून सत्र की शुरूआत से ही संसद के दोनों सदनों में विपक्षी किसी न किसी मुद्दे को लेकर हंगामा कर रहे हैं।
सभापति ने पेगासस मामले पर विरोध जता रहे कुछ सांसदों के व्यवहार पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि इनके व्यवहार से सदन की मर्यादा और प्रतिष्ठा गिरी है।
उन्होंने शुक्रवार को सदन में कहा, “मुझे जानकारी मिली है कि कुछ सदस्य सदन में सीटी बजा रहे हैं। वो सीटी शायद अपनी पुरानी आदत की वजह से बजा रहे हैं। मगर ये सदन है।”
“वहीं कुछ सदस्य तो मार्शलों के कंधों पर हाथ लगा रहे हैं। मुझे नहीं मालूम उन्होंने ऐसा क्यों किया। और कुछ ने तो मंत्रियों के सामने तख़्तियाँ दिखाईं और उनको सदन की कार्यवाई को देखने नहीं दिया।”
वेंकैया नायडू ने चेतावनी देते हुए कहा, “धैर्य की भी एक सीमा होती है और हमें सदन के धैर्य को समाप्त नहीं होने देना चाहिए।”
उन्होंने कहा, ” इससे निबटने के केवल दो ही रास्ते हैं – या तो इसे नज़रअंदाज़ कर सदन को बाज़ार बनने दे दिया जाए। हर कोई सीटी बजाते रहे और दूसरा – कार्रवाई कर इसे रोका जाए।”
वेंकैया ने सदस्यों से शालीनता बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, “इन सभी हरकतों से सदन की मान और मर्यादा नीचे गिरी है। मैं इसे लेकर बहुत चिंतित और परेशान हूँ।”
उन्होंने कहा कि उन्हें बेहद अफ़सोस से इस आसन पर बैठकर ये कहना पड़ रहा है कि, ” मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे सदस्य इस स्तर तक चले जा सकते हैं।”
मॉनसून सत्र की शुरूआत से ही हो रहा है हंगामा
राज्यसभा में विपक्षी सांसद 19 जुलाई को मॉनसून सत्र की शुरूआत से ही विभिन्न मुद्दों को लेकर सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहे हैं।
इनमें इजराइली स्पाइवेयर पेगासस के ज़रिए अपने विरोधियों, मंत्रियों और आलोचकों की कथित जासूसी से लेकर नए कृषि क़ानून, कोविड स्थिति और तेल की कीमतों जैसे मुद्दे शामिल हैं।