इजरायली स्पाइवेयर कर रहा WhatsApp यूजर्स का प्राइवेट डेटा चोरी!

WhatsApp: हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि व्हाट्सऐप ने इजरायली स्पाइवेयर कंपनी Paragon Solutions पर कुछ पत्रकारों और अन्य लोगों की जासूसी करने का आरोप लगाया है। कंपनी का कहना है कि इस स्पाइवेयर, जिसे ग्रेफाइट कहा जाता है, के जरिए यूजर्स को निशाना बनाया गया है।
द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्पाइवेयर ने न केवल पत्रकारों बल्कि सिविल सोसाइटी के सदस्यों को भी टारगेट किया। यह स्पाइवेयर खास इसलिए खतरनाक है क्योंकि इसे बिना किसी लिंक पर क्लिक किए आपके डिवाइस में इंस्टॉल किया जा सकता है। इस तकनीक को जीरो क्लिक अटैक कहा जाता है। एक बार डिवाइस में इंस्टॉल होने के बाद यह स्पाइवेयर डिवाइस का नियंत्रण अपने हाथ में ले लेता है और निजी डेटा चुरा सकता है।
Paragon Solutions पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी
व्हाट्सऐप ने बताया कि जिन यूजर्स को निशाना बनाया गया था, उन्हें नोटिफिकेशन के जरिए अलर्ट कर दिया गया है। कंपनी ने Paragon को सीज एंड डेसिस्ट नोटिस भेजा है और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी तैयारी कर रही है।
Paragon Solutions की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, कंपनी के करीबी सूत्रों का कहना है कि उनका सॉफ्टवेयर 35 सरकारी ग्राहकों को बेचा जाता है, जिनमें सभी लोकतांत्रिक देश शामिल हैं।
व्हाट्सऐप के करोड़ों सक्रिय यूजर्स हैं, और कंपनी अपनी सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है। इस घटना के बाद, व्हाट्सऐप ने कहा है कि वह इस तरह के स्पाइवेयर से अपने यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने ऐप की सिक्योरिटी को और बेहतर बनाएगी।
इस मामले ने एक बार फिर से डिजिटल सुरक्षा और प्राइवेसी को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। व्हाट्सऐप जैसी प्रमुख मैसेजिंग कंपनियां लगातार ऐसे खतरों से निपटने के उपाय कर रही हैं, लेकिन यूजर्स को भी सतर्क रहने की जरूरत है।
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