संसद के क्या है नियम? बढ़ सकती है रमेश बिधूड़ी की मुश्किलें, संसद में बोली थी अशोभनीय भाषा

Share

लोकसभा और राज्यसभा के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं, जो सदस्यों के आचरण को नियंत्रित करने के लिए होते हैं। इन नियमों के तहत, अगर कोई सदस्य संसद में अशोभनीय भाषा या आचरण का उपयोग करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद रमेश बिधूड़ी के द्वारा संसद में दानिश अली पर किए गए अशोभनीय टिप्पणी से राजनीतिक विवाद उत्पन्न हुआ है। संसद में हुए विशेष सत्र के दौरान इस घटना के बाद, रमेश बिधूड़ी के इस्तीफे की मांग और उनके संसद से निलंबन की मांगें उठी हैं।

रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई

रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई के लिए संसद के नियम बुक में विशेष नियम होते हैं। इन नियमों के तहत, संसद के प्रमुख (स्पीकर या सभापति) को आचरण की उल्लंघन के मामले में कार्रवाई करने का अधिकार होता है। लोकसभा के लिए नियम बुक के अनुसार स्पीकर को यदि लगता है कि कोई सदस्य संसद की कार्यवाही को बाधित कर रहा है, तो वह उस सदस्य को उस दिन के लिए निलंबित कर सकते हैं, जिसका अधिकार स्पीकर को होता है। इसके तुरंत बाद, निलंबित सदस्य को सदन के प्रांगण से बाहर कर दिया जाता है।

राज्यसभा के लिए भी समान नियम हैं जिसमें सभापति को उल्लंघन करने वाले सदस्य को निलंबित करने का अधिकार होता है। इसे तहत 255 और 256 नियम के रूप में जाना जाता है और यह उल्लंघन के गंभीर मामलों में लागू होता है। इसके तहत सभापति सदस्य को निलंबित करने का प्रस्ताव दे सकते हैं और सदस्य को तुरंत बाहर किया जाता है। इस प्रकार संसद के नियमों के तहत सदस्यों के आचरण को नियंत्रित करने और अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

ये भी पढ़ें- कोहली या रोहित, नेटफ्लिक्स या वर्कआउट पसंद पूछे जाने पर ये बोले राहुल गांधी