गैर-मुस्लिम सदस्य बढ़ेंगे, पुरानी मस्जिदों से नहीं होगी छेड़छाड़… जानें- वक्फ बिल में हुए कौन-कौन से बड़े संशोधन

गैर-मुस्लिम सदस्य बढ़ेंगे, पुरानी मस्जिदों से नहीं होगी छेड़छाड़... जानें- वक्फ बिल में हुए कौन-कौन से बड़े संशोधन
Waqf Bill 2025 : वक्फ (संशोधन) विधेयक में कई अहम संशोधन किए गए हैं, जो संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की सिफारिशों और सहयोगी दलों जेडीयू और टीडीपी के सुझावों के आधार पर लागू किए गए हैं। यह विधेयक 2 अप्रैल को दोपहर 12 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में इस पर सहमति बन गई है, और सत्तारूढ़ एनडीए सरकार ने अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी कर सदन में उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
बिल में किए गए अहम संशोधन:
- राज्य सरकार की भूमिका बनी रहेगी – वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों में राज्य सरकार का नियंत्रण और भूमिका जारी रहेगी।
- संपत्ति के वक्फ होने का निर्धारण – अब राज्य सरकार कलेक्टर से ऊपर के किसी वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त कर सकती है, जो तय करेगा कि कोई संपत्ति वक्फ की है या नहीं।
- पुराने धार्मिक स्थलों से छेड़छाड़ नहीं होगी – मौजूदा पुरानी मस्जिदों, दरगाह या अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थानों से छेड़छाड़ नहीं होगी यानी कानून पुरानी तारीख से लागू नहीं होगा। यह सुझाव जेडीयू की ओर से दिया गया था जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
- ऑनलाइन रिकॉर्ड अपडेट होगा – औकाफ की सूची गजट में प्रकाशित होने के 90 दिनों के भीतर एक ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट करनी होगी।
- गैर-मुस्लिम सदस्य भी होंगे शामिल – वक्फ परिषद में अब दो गैर-मुस्लिम सदस्य (हिंदू या अन्य धर्मों के लोग) भी होंगे।
- संयुक्त सचिव होंगे वक्फ बोर्ड के पदेन सदस्य – वक्फ मामलों से संबंधित संयुक्त सचिव अब वक्फ बोर्ड में पदेन सदस्य (Ex-officio Member) होंगे।
संशोधन जिन पर हो सकता है विवाद
- गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाएगी
धारा 11 में संशोधन के अनुसार, वक्फ परिषद या बोर्ड में अब कम से कम दो गैर-मुस्लिम सदस्य होंगे। इसके अलावा, राज्य सरकार का एक अधिकारी भी बोर्ड का हिस्सा होगा। - वक्फ संपत्ति दान करने के लिए इस्लाम का पालन साबित करना होगा
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या द्वारा प्रस्तावित विवादास्पद धारा 14 विधेयक में शामिल कर ली गई है। इस संशोधन के अनुसार, कोई भी व्यक्ति तभी अपनी संपत्ति वक्फ कर सकेगा, जब वह कम से कम पांच वर्षों से इस्लाम धर्म का पालन कर रहा हो। इसके अलावा, संपत्ति के वक्फ में कोई धोखाधड़ी न हो, इसका भी प्रमाण देना होगा। - वक्फ ट्रिब्यूनल में अब तीन सदस्य होंगे
पहले ट्रिब्यूनल में दो सदस्य होते थे, लेकिन संशोधन के बाद अब तीसरा सदस्य एक इस्लामिक स्कॉलर होगा। - कलेक्टर की जगह वरिष्ठ अधिकारी करेगा जांच
पहले वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण और निगरानी की जिम्मेदारी कलेक्टर की होती थी, लेकिन अब यह जिम्मेदारी राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किसी वरिष्ठ अधिकारी को दी जाएगी।
विधेयक को लेकर सरकार की तैयारी
- कल दोपहर 12 बजे लोकसभा में पेश होगा बिल
- एनडीए सांसदों को व्हिप जारी किया गया
- सदन में विधेयक को पारित कराने की पूरी कोशिश होगी
सरकार का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए लाया जा रहा है। हालांकि, कुछ प्रावधानों को लेकर विपक्ष और मुस्लिम संगठनों की ओर से आपत्ति जताई जा सकती है। अब देखना होगा कि यह विधेयक लोकसभा में कितना समर्थन हासिल कर पाता है।
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