तेलंगाना राज्य की 119 सीटों पर मतदान, BRS, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला

सुबह 7 बजे से तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों पर वोटिंग शुरू हो गई। शाम पांच बजे तक चलेगा। राज्य में 3.17 करोड़ से अधिक लोगों ने वोट डाला है। इनमें पहली बार आठ लाख लोग वोट डालेंगे। 2290 कैंडिडेट्स राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर 109 पार्टियों से हैं। 3 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
16 जनवरी 2024 को तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने यहां पिछली बार दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में सरकार बनाई थी। चंद्रशेखर राव दूसरी बार प्रधानमंत्री बन गए। अब BRS (भारत राष्ट्र समिति) TRS है।
BRS और कांग्रेस इस बार चुनाव में सीधा मुकाबला कर रहे हैं। इस बार भाजपा भी जोर लगा रही है। 2018 में BRS ने 88, कांग्रेस ने 19 सीटें जीतीं। वहीं, भाजपा को सिर्फ एक सीट मिली थी।
स्टेट इलेक्शन कमीशन का कहना है कि राज्य में 35,655 मतदान केंद्र हैं। 511 केंद्र इसमें संवेदनशील हैं। ये सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं जो छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा पर हैं। सुरक्षा के लिए सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स की 100 से ज्यादा कंपनियां तैनात की गई हैं।
2014 में तेलंगाना राज्य बनने के बाद वहां तीसरी विधानसभा की चुनाव होगी। तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब बीआरएस) ने पिछले चुनाव में 47 प्रतिशत से अधिक वोटों के साथ 88 सीटें जीतीं, कांग्रेस 19 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा को 2018 में सिर्फ एक सीट मिली। बीजेपी ने दुब्बाका और हुजूराबाद में उपचुनाव जीता, जबकि बीआरएस ने मुनुगोडे में जीत हासिल की।
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