Vasuki Nag : नाग देवता वासुकी नाग, जिनके द्वारा किया गया था समुद्र मंथन
Vasuki Nag : नाग देवता वासुकी नाग जिन्हें भगवान शिव के आदर के साथ जुड़ा हुआ माना जाता है। वासुकी नाग की कहानी हिंदू धार्मिक ग्रंथों में मिलती है। वासुकी नाग भारतीय संस्कृति में सांस्कृतिक प्रतीकता का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। वे अक्सर प्राचीन मंदिरों और मूर्तियों में होता है। जहाँ वे शक्तिशाली और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक माने जाते हैं।
समुद्र मंथन
हिंदू धर्मग्रंथों जैसे कि भागवत पुराण, शिव पुराण और महाभारत में मिलता है। वासुकी के बारे में समुद्र मंथन की कथा में भी जानने को मिलता है। कथा के अनुसार देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन के समय वासुकी नाग को मंदराचल पर्वत को रस्सी के रूप में उपयोग करने का कार्य सौंपा गया था।
भगवान शिव गहने
यह मान्यता है कि वासुकी नाग सर्प कुल के राजा हैं और उनके पिता का नाम कर्कोटक था। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव अपने गहनों में वासुकी नाग को एक महत्वपूर्ण स्थान पर रखते हैं। भगवान शिव ने वासुकी को अपने गहनों के रूप में धारण किया हुआ है। वे उन्हें अपनी माला के रूप में सजाए रखते हैं।
भारतीय संस्कृति में महत्व
भारतीय संस्कृति के अनुसार वासुकी नाग की पूजा की जाती है। नाग पंचमी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है। इस दिन वासुकी नाग की पूजा की जाती है। जिसमें विशेष पूजा अर्चना, व्रत और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। समुद्र मंथन में योगदान, उनके भगवान शिव के साथ संबंध और उनकी पूजा की परंपरा यह सब उन्हें भारतीय धार्मिकता में एक विशिष्ट स्थान प्रदान करते हैं। वासुकी नाग की कथा भारतीय धर्म और संस्कृति में आज भी एक अमूल्य धरोहर के रूप में सम्मानित और संरक्षित है। भारतीय पौराणिक कथाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। जो कि उनकी कथा धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिकता को गहराई से जुड़े हुए है।
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