Uttarakhand Tourism: मड हाउस योजना से नैनीताल के गांवो की बदलेगी तकदीर और तस्वीर जानें कैसे

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नैनिताल में समय के साथ साथ पहाड़ों में बहुत कुछ बदला है तेजी से विकास से लाइफ स्टाइल का नजरिया बदला है तो खानपान रहन सहन के तरीकों ने इंसान को अपनी सभ्यता संस्कृति से दूर किया है। हालांकि, नैनीताल जिला प्रशासन पुराने दिनों को पर्यटन में लौटाने की योजना बना रहा है, क्योंकि नैनीताल में पर्यटक कुछ मड से बने घरों का आनंद ले सकेंगे। नैनीताल जिला प्रशासन की पहल से जिले के 4 गांवों में मड़ हाउस टूरिज्म शुरु करने की योजना पर काम हो रहा है। गांव में मिट्टी के घर तैयार किये जायेंगे तो पहाड़ी खानपान का भी स्वाद टूरिस्टों को मिलेगा। सीमेंट, ईंट और रोड़े से बिलकुल अलग भूकंप रोधी इन घरों में बीते दिनों की यादों को लौटाने की पहल की जा रहा है, हांलाकि जिला प्रशासन इन मड़ हाउसों के साथ खेती बागवानी को भी जोड़ने पर काम कर रहा है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने इसके लिये गीली मिट्टी संस्था से एमओयू किया है। मिट्टी से तैयार इन घरों में ना गर्मी का एहसास होता है, ना ही ठंड लगती है। इन घरों में गजब की बात ये है कि इनमें चारपाई से लेकर कुर्सी तक भी मिट्टी से ही तैयार की जाती है। वहीं, ये घर स्वास्थ्य के लिये भी बेहतर माने जाते हैं। 100 से 500 साल से भी ज्यादा समय तक यूं ही रहने वाले इन घरों को अर्थ बैग, कॉब, एडोबी, टिंबर फ्रेम, लिविंग रूम में तैयार किया जा रहा है। पहाड़ में सालों से मिट्टी पत्थर के मकान ही बनाए जाते जरूर रहे हैं, लेकिन अब सीमेंट सरिया और ईंट और रोड ने इन मकानों की जगह ले ली है, जो पर्यावरण के साथ स्वास्थ्य के लिए भी घातक हैं और कंक्रीट के जंगल में तब्दील होने से पर्यावरण भी खतरा हैं।

हांलाकि, अब इन मकानों को टूरिज्म के साथ जोड़ने की पहल की जा रही है। डीएम नैनीताल धीराज गर्ब्याल ने बताया कि जिला प्रशासन मड हाउस बनाने को लेकर योजना तैयार कर रहा है। जल्द ही योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा और इससे टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।