
Uttarakhand: उत्तराखंड के लकसर से एक खबर सामने आई है। मोहर्रम के अवसर पर हुसैन की याद में ताजिये जुलुस निकाला गया। इस मौके अखाड़ो का आयोजन भी किया गया। आपको बता दें कि मोहर्रम के महीने में इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे इमाम हुसैन और उनके 72 अनुयाइयों का कत्ल कर दिया गया था। हजरत हुसैन इराक के शहर करबला में यजीद की फौज से लड़ते हुए शहीद हुए थे। उनकी याद में हर वर्ष मोहर्रम के मौके पर ताजिये जुलूस निकाला जाता है।
इनके अनुयायियों के मानना है कि इस्लाम में सिर्फ एक ही खुदा की इबादत करने के लिए कहा गया है। छल-कपट, झूठ, मक्कारी, जुआ, शराब, जैसी चीजें इस्लाम में हराम बताई गई हैं। हजरत मोहम्मद ने इन्हीं निर्देशों का पालन किया और इन्हीं इस्लामिक सिद्घान्तों पर अमल करने की हिदायत सभी मुसलमानो को भी दी।
सुल्तानपुर ने हुसैन के अनुयायियों द्वारा ताजिये जुलूस के दौरान अलग अलग अखाड़ों द्वारा लाठी चलाने जैसे अनेक हैरत अंगेज करतब भी दिखाए।
जुलूस सुल्तानपुर की बड़ी मस्जिद से अली चौक तक निकाले गए। अली चौक से वापस इमामबाड़े में समापन हुआ इस दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा एहतियातन सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए।
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