Uttarakhand: यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट के लिए किया गया अनुबंध, एमओयू पर हुए साइन

मां युमना के पवित्र धाम यमुनोत्री की यात्रा अब रोपवे के जरिए आसानी से पूरी की जा सकेगी। इसके लिए 167 करोड़ रूपए की लागत से यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा। प्रोजेक्ट के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में एमओयू पर साइन किए गए।
देहरादून में सीएम आवास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। पर्यटन विभाग और एस.आर.एम. इंजीनियरिंग और एफआईएल इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड के बीच एमओयू पर साइन हुए। इस दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और शासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
खरसाली से यमुनोत्री धाम तक बनने वाला 3.38 किमी लंबाई का रोपवे मोनोकेबल डिटैचेबल टाइप का होगा। जिसका निर्माण यूरोपीय मानकों के अनुसार फ्रांस और स्विटजरलैंण्ड की तर्ज पर किया जायेगा। इस रोपवे की यात्री क्षमता एक घंटे में लगभग 500 लोगों को ले जाने की होगी। रोपवे का निर्माण पीपीपी मोड पर किया जाएगा। प्रोजक्ट के जरिए यमुनोत्री को रोपवे से जोड़ने के साथ ही पार्किंग, आवासीय व्यवस्था और रेस्टोरेंट निर्माण का भी प्रस्ताव है।
लगभग 166.82 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले रोपवे का लोअर टर्मिनल खरसाली में बनाया जायेगा, जबकि अपर टर्मिनल यमुनोत्री में बनेगा। इस रोपवे परियोजना से यमुनोत्री धाम अपने शीतकालीन स्थल खरसाली से जुड़ जायेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि रोपवे के जरिए श्रद्धालुओं के लिए यमुनोत्री धाम का दर्शन और सुगम हो जाएगा।
अभी पैदल मार्ग से यमुनोत्री धाम पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 2 से 3 घण्टे का समय लग जाता है। रोपवे बन जाने के बाद ये दूरी केवल 15 से 20 मिनट में तय हो सकेगी। रोपवे परियोजना से श्रद्धालुओं को तो सुविधा मिलेगी ही, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे।
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