Uttar Pradesh: पानी को तरस रही जनता, बेपरवाह बने जिम्मेदार अधिकारी
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में कुल 43 हज़ार इंडिया मार्का हैंडपंप लगाया गया है। यह सभी हैंडपंप सरकारी काग़ज़ों मे तो सही हैं, लेकिन धरातल पर इनकी हालत देखने लायक नहीं है।
पानी की समस्या से जूझ रही जनता Uttar Pradesh
गर्मी का मौसम आते ही उत्तर प्रदेश में पानी की समस्या खड़ी होनी भी शुरू हो गई है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी जनता को पानी की समस्या से छुटकारा दिलाना उचित नहीं समझ रहे हैं। लेकिन प्रशासन की यह उदासीनता स्थानीय लोगों पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक हज़ारों की संख्या में सरकारी हैंडपंप खराब पड़े हैं। हैंडपंप खराब होने से लोगों को स्वच्छ पेयजल मिलना दूभर होता हुआ नजर आ रहा है। जिसके चलते लोग छोटे नलों से दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।
बेपरवाह बने जिम्मेदार अधिकारी Uttar Pradesh
दरअसल उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में कुल 43 हज़ार इंडिया मार्का हैंडपंप लगाया गया है। यह सभी हैंडपंप सरकारी काग़ज़ों मे तो सही हैं, लेकिन धरातल पर इनकी हालत देखने लायक नहीं है। हज़ारों की संख्या मे पानी देने वाला हैंडपंप 2 बूंद पानी के लिए मोहताज बना हुआ है। भीषण गर्मी के बीच सूखा और सालो से खराब पड़ा हैंडपंप य़ह दर्शाता है कि जिले मे जिम्मेदार अधिकारी अपनी आंखें मूंद कर बैठे हुए हैं। ग्रामीणों ने हैंडपंप खराब होने को लेकर कई बार प्रशासनिक अमले से शिकायत भी की है। लेकिन इस विकट समस्या की ओर कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा है।
हैंडपंप की मरम्मत की मांग कर रही जनता
सरकारी हैंडपंप के खराब होने के चलते नागरिक पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। वही चाहते हैं कि जल्द से जल्द इन सरकारी इंडिया मार्का हैंडपंप की मरम्मत हो जाए। गांवों में लगे इंडियामार्का हैंडपंप खराब होने से ग्रामीणों की मुश्किल बढ़ गई है। हालात ये हैं कि सरकारी कार्यालय परिसर के द्वार पर लगे हैंडपंप भी ठीक नहीं हो सके हैं। तो गांव मे खराब पड़े हैंडपंप सही होंगे या नहीं सोचने वाली बात होगी।
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