गाजा के समर्थन से जुड़े मुद्दे पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ उस्मान ख़्वाजा ने ICC को घेरा
Usman Khawaja to ICC: गाजा के समर्थन में शांति संदेश देने के अपने तरीक़ों की कोशिश में जुटे ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज़ उस्मान ख़्वाजा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया है.
उस्मान ख़्वाजा आईसीसी के जरिए इजरायल गाजा युद्ध में विराम की अपील करना चाहते थे. ख़्वाजा चाहते थे कि बॉक्सिंग डे (26 दिसंबर) से पाकिस्तान के ख़िलाफ़ शुरू होने वाले टेस्ट में गाजा के लोगों के समर्थन में वे अपने बैट पर ‘कबूतर’ और ’01: UDHR’ लिखकर खेलें.
कबूतर और 01 UDHR के मायने
दरअसल, कबूतर को शांति का प्रतीक माना जाता है, जबकि मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के सार्वजनिक घोषणापत्र के अनुच्छेद एक को 01: UDHR से बताया गया है. इस अनुच्छेद के अनुसार, सभी इंसान आज़ाद पैदा हुए हैं और सबकी गरिमा और अधिकार बराबर हैं.
लेकिन आईसीसी की ओर से उनके इस अनुरोध को एक बार फिर ठुकरा दिया गया. साथ ही पहले टेस्ट में अपने बाजू पर काली पट्टी बांधकर खेलने के लिए भी आईसीसी ने फटकार लगाई थी.
इंस्टाग्राम पोस्ट पर दिखाई मजहबी संकेतों की तस्वीरें
उसके बाद उन्होंने इंस्टाग्राम पर लोगों को क्रिसमस की बधाई देते हुए एक वीडियो पोस्ट किया. इस वीडियो में उन्होंने दुनिया के कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ियों के बल्लों पर लिखे मजहबी संकेतों और संदेशों की तस्वीरें दिखाई गई हैं.
उस्मान ख़्वाजा ने इंस्टाग्राम के इस संदेश में लिखा, “सभी को मेरी क्रिसमस, कभी कभी आपको बस हंसी आती है… #असंगत #दोहरेमानदंड.”
Usman Khawaja to ICC: पहले भी कर चुके हैं कोशिश
उस्मान ख़्वाजा पहले भी अपने जूते पर फिलिस्तीनी झंडे के रंग में ‘आज़ादी एक मानवाधिकार है’ और ‘सभी की ज़िंदगी बराबर है’ लिखकर गाज़ा को समर्थन देना चाहते थे, लेकिन आईसीसी ने तब भी उनकी इस कोशिश पर पानी फेर दिया था.
असल में आईसीसी की आचार संहिता कहती है कि कोई भी खिलाड़ी बिना पूर्व अनुमति के बांह की पट्टी या कपड़े या अन्य सामग्री के ज़रिए किसी संदेश को न दिखा और न पहन सकते हैं, ख़ासकर ‘राजनीतिक, धार्मिक या नस्लीय’ मुद्दों वाले मैसेज को.