UPPSC PCS-J : पिता के साथ बेटा लगाता था ठेला, अब 135वी रैंक के साथ बन गया जज

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दुख भरे मुश्किल वक्त में रहकर भी UP लोक सेवा आयोग की ज्यूड‍िश‍ियल परीक्षा कई कैंडिडेट्स ने पास की है। उन जांबांज़ों में से एक 135वी रैंक हासिल करने वाले सम्भल रुकूंनुद्दीन सराय निवासी मोहम्मद कासिम भी हैं। PCS-J की परीक्षा पास कर कासिम ने अपना और अपने परिवार का नाम रोशन कर दिया है।

 उनके पिता वालि मोहम्मद हलीम का ठेला लगाया करते थे। कासिम ने बचपन से ही पिता के काम में उनका हाथ बंटाया; झूठे बर्तन धोने समेत ठेले के सभी काम किए। 2007-08 से अपना अलग ठेला लगाकर पेट्रोल पंप के सामने हलीम बेचा। लेकिन 2012 में उनकी ज़िंदगी तब बदली जब वह अलीगढ़ गए।

कासिम की शुरुआती स्कूलिंग चौथी क्लास तक गाँव के सरकारी स्कूल से हुई। पांचवी, छठी क्लास वारसी जूनियर हाई स्कूल से पढ़ीं, सातवीं से बारहवीं तक जेड यू इंटर कॉलेज से पढ़े। इस बीच वह एक बार दसवीं में फेल भी हुए। वह बताते हैं कि उन्होंने क्लास के टॉपर्स को पढ़ते देखा और उनसे प्रेरणा ली।

स्कूल के बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में बीए में दाखिला लिया। इसी दौरान एंट्रेंस पास कर एएमयू लॉ फैकल्टी से बीए एलएलबी किया। इसके बाद DU में एलएलएम एग्जाम में AIR 1 पाई। फिर यूजीसी नेट पास किया और दो यूनिवर्सिटी में उनकी जॉइनिंग भी हुई। इसी तरह पढ़ते-पढ़ाते हुए कासिम ने पीसीएस जे रिजल्ट में 135वीं रैंक हासिल की।

पिता को उनसे बहुत उम्मीदें थीं, कामयाब होने के बाद, वह अपनी पिता की उम्मीदों पर खरे उतरे हैं। सबसे ज़्यादा भरोसा मां को थे, वह हमेशा कहती थीं कि आज नहीं तो कल, सेलेक्शन होना ही है। बेटे का जज बनना उन्हीं समर्थन का नतीजा है। मां कहती थीं कि काम कर या ना कर, लेकिन पढ़ाई अच्छे से होनी चाहिए।

मोहम्मद कासिम बताते हैं- “जब मैं पिता के साथ काम करता था, तो ऐसा नहीं था कि सिर्फ़ काम ही करता था। मैं सुबह 6 बजे से शाम के 4 बजे तक काम करता था। फिर 6 बजे तक ट्यूशन पढ़कर वापस आता था। सुबह में काम पर जाने से पहले पढ़ाई करता था। काम से निपटने के बाद रात को पढ़ाई करता था। मेरी पढ़ाई दिन में नहीं हुई है। क्योंकि दिन में समय ही नहीं था।

मैंने 2012 तक हलीम का ठेला लगाया है। आज जो भी सफलता हासिल हुई है, उसके लिए माँ ने मुझे बहुत मोटिवेट किया।” आज कासिम उन सभी उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा बन गए हैं जो अभाव से गुज़रते हुए मेहनत कर रहे हैं और कामयाब होने का सपना देखते हैं।