विधानसभा में सीएम योगी का अखिलेश पर तंज, बोले- कैसे कैसे मंजर सामने आने लगे, गाते गाते लोग चिल्लाने लगे

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उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र (UP Vidhanmandal Budget Session) का मंगलवार को आठवां और अंतिम दिन है। विधान भवन के मंडप में सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज सत्र को संबोधित किया।

UP Vidhanmandal Budget Session
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र (UP Vidhanmandal Budget Session) का मंगलवार को आठवां और अंतिम दिन है। विधान भवन के मंडप में सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज सत्र को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि भाजपा नेतृत्व की केंद्र सरकार के 8 साल के सफलतम कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ इस परिकल्पना को साकार करते हुए हम सब देख पा रहे हैं। आज एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री द्वारा चलाई गई योजनाओं की चर्चा हो रही थी। माननीय नेता प्रतिपक्ष कह रहे थे कि ये समाजवाद है। अच्छा है कि कम से कम समाजवाद के बहाने ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की गरीब कल्याणकारी योजनाओं को स्वीकार किया।

उत्तर प्रदेश में जो कुछ भी हुआ है, हमने कभी नहीं कहा कि हमने किया

UP विधानसभा सत्र के दौरान CM योगी आदित्यनाथ (UP Vidhanmandal Budget Session) ने कहा कि उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय आजादी के समय देश के समान ही थी। 2017 तक यह देश की औसत प्रति व्यक्ति आय का 1/3 तक गिर गई थी। देश विकास कर रहा था लेकिन UP नहीं। UP में क्षमता है। इस बार हमने दोगुना काम करने के लिए बजट बढ़ाया है। आज उत्तर प्रदेश में बजट का दायरा बढ़ा है। साल 2016-17 में जो प्रदेश का बजट आया था वो लगभग 3 लाख करोड़ रुपए का था और आज 2022 में सदन में जो बजट पेश हुआ है वो 6 लाख 15 हज़ार करोड़ रुपए का है।

इस बार हमने दोगुना काम करने के लिए बजट बढ़ाया

उन्होनें कहा कि उत्तर प्रदेश में जो कुछ भी हुआ है, हमने कभी नहीं कहा कि हमने किया है… बल्कि यह सबने किया है। सार्थक परिणाम वहीं ला सकता है जो समस्या पर कम, समाधान पर ज्यादा जोर देगा। शब्द ‘ब्रह्म’ है। हम जो बोलते हैं वह नष्ट नहीं होता। हमें बहुत सोच-समझकर बातों को सदन में रखना चाहिए, जो वर्तमान एवं भावी पीढ़ी के लिए एक मार्गदर्शिका के रूप में काम आ सके।

कैसे मंजर सामने आने लगे हैं, गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे

अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा सीएम योगी बोले कैसे मंजर सामने आने लगे हैं, गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने कहा था ‘आर्थिक योजनाओं द्वारा आर्थिक प्रगति का माप समाज के ऊपर की सीढ़ी पर पहुंचे व्यक्ति से नहीं, बल्कि सबसे नीचे के पायदान पर विराजमान व्यक्ति से होगा’ अंत्योदय की भावनाओं से प्रेरित होकर हमारी योजनाएं संचालित हो रही हैं।

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