UP News: गंगा मैली करने पर देना होगा 62 लाख का जुर्माना
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उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने परमिया नाला, रानीघाट नाला और सीवेज ट्रीटमेंट प्लाटों (एसटीपी) से गंगा में गंदगी बहाने पर 62 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। अब गंगा में गंदगी पाये जाने पर नगर निगम और कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को 62 लाख रुपये जुर्माना देना होगा।
UP News: उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी किया नोटिस
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम और कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को नोटिस जारी किया है। बता दें कि इसमें से 30 लाख का जुर्माना नगर निगम पर और शेष एसटीपी का संचालन कर रही कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (केआरएमपीएल) कंपनी पर लगाया गया है।
बायोरेमेडिएशन विधि द्वारा किया जा रहा पानी का शुद्धिकरण
जिन नालों का गंदा पानी सीधे गंगा में जाता है अर्थात जो टैप पर नहीं है, एनजीटी ने उन नालों का बायोरेमेडिएशन करने के आदेश दिए हैं। इसके चलते नगर निगम सत्तीचौरा, डबका सहित गंगा में गिर रहे तीन और पांडु नदी में गिर रहे रफाका सहित दो नालों का पानी बायोरेमेडिएश विधि से शोधित किया जा रहा है। हालांकि परमिया नाला अभी भी गंगा में जा रहा है।
गंदगी को रोकने के लिए लगाया गया जुर्माना
यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा ने इसकी जांच की। जांच के अनुसार पिछले साल नवंबर, दिसंबर, जनवरी और इस माह की जांच में नाले गंगा में गिरते नजर आए हैं। उन्होंने इसकी रिपोर्ट मुख्य पर्यावरण अधिकारी (वृत्त – 1) राजेंद्र सिंह को भेजी। इस गंदगी को रोकने के लिए मुख्य पर्यावरण अधिकारी ने नगर निगम पर प्रतिमाह पांच लाख रुपये की दर से पर्यावरणीय क्षति के मद में जुर्माना लगाया।
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