
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार सत्ता संभालने के कुछ ही समय में राज्य की शिक्षा व्यवस्था और प्रणाली में ताबड़तोड़ बदलाव के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके तहत राज्य सरकार ने सूबे की बोर्ड परीक्षाओं का पैटर्न बदलने के साथ ही उच्च शिक्षा क्षेत्र में भी बड़े बदलावों को मंजूरी दे दी है।
अब प्रदेश के सभी जिलों एवं निजी यूनिवर्सिटी में BA, BSc, BCom के स्नातक पाठ्यक्रमों में ग्रेडिंग सिस्टम लागू की जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत सभी विश्वविद्यालयों में समान व्यवस्था लागू की जाएगी। ये व्यवस्था यूपी के सभी विश्वविद्यालयों में 2022-23 से ही लागू होगी।
उच्च शिक्षा विभाग ने नए पैटर्न के अनुसार, किसी भी प्रमुख, लघु विषय, सह-पाठयक्रम और व्यावसायिक विषयों के किसी भी पाठ्यक्रम / पेपर में 91 और 100 के बीच स्कोर करने वाले छात्र को 10 का ग्रेड पॉइंट और ओ (O) के ग्रेड लेटर से सम्मानित किया जाएगा।
33% ही रहेगा थ्योरी और प्रैक्टिकल के पासिंग अंकों का प्रतिशत
उच्च शिक्षा विभाग ने बताया यूनिवर्सिटी कोर्स की हर थ्योरी और प्रैक्टिकल के पासिंग अंकों का प्रतिशत 33% ही रहेगा। इंटरनल असेसमेंट के 25 नंबर और यूनिवर्सिटी एग्जाम के 75 नंबर होंगे। छात्रों को यूनिवर्सिटी एग्जाम 75 अंक में 33 प्रतिशत नंबरों के साथ पास होना जरूरी होगा। ये व्यवस्था यूपी के सभी यूनिवर्सिटीज़ में 2022-23 से ही लागू होगी।
UGC की गाइडलाइन्स पर आधारित है ग्रेडिंग सिस्टम
ग्रेडिंग प्रणाली यूजीसी के दिशानिर्देशों पर आधारित है ग्रेडिंग सिस्टम पहले 3 वर्षों के लिए लागू किया जाएगा। इसमें शून्य से लेकर 10 अंक तक दिए जाएंगे। 5 अंक पाने वाले उम्मीदवार औसत की कैटेगरी में शामिल होंगे। मुख्य व माइनर विषयों में पासिंग प्रतिशत 33 प्रतिशत ही रहेगा। अब थ्योरी और प्रैक्टिकल में अलग-अलग पासिंग मार्क्स नहीं होंगे।
नौकरी-उन्मुख पाठ्यक्रमों में अधिकतम 100 अंक होंगे, जिसमें प्रशिक्षण और व्यावहारिक कार्य के लिए 60 और थ्योरी पेपर के लिए 40 होंगे। इन पाठ्यक्रमों के लिए न्यूनतम उत्तीर्ण अंक 40 प्रतिशत होंगे। हालांकि, ओड सेमेस्टर में छात्रों के परिणाम के बावजूद, उन्हें इवन सेमेस्टर में पदोन्नत किया जाएगा।
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