
बिहार के सीएम नीतीश कुमार के एनडीए में आने को लेकर सियासी हलचल तेज हो रही हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर उन्हें नीतीश कुमार ने नमन किया तो राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट होने लगी। तरह-तरह की अटकलों के बीच कई नेताओं के बयान आए। बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने उन्हें बोझ बता दिया। इस पर कांग्रेस के अजीत शर्मा ने उन्हें आढ़े हाथों लिया। वहीं इस मामले में केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार के बयान से एक बार फिर सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं।
‘एनडीए में आए नीतीश तो करेंगे स्वागत’
दरअसल केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि व्यक्ति नहीं समय बलवान होता है। समय का इंतजार कीजिए, आगे जो होगा वह अच्छा ही होगा। अगर नीतीश कुमार एनडीए में आएंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे।
वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने गए थे दिल्ली
पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती समारोह में शामिल होने से पहले भी नीतीश कुमार पूर्व प्रधानमंत्री नेता अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्दांजलि देने दिल्ली गए थे। यहीं से उनके एनडीए में शामिल होने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था। इसके बाद G-20 समिट के दौरान उनकी प्रधानमंत्री मोदी से आत्मीयता भरी मुलाकातों ने इस सियासी चिंगारी को और हवा दे दी।
‘यह सब फालतू की बात’
हालांकि नीतीश कुमार जब पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती में शामिल होने गए तब उन्होंने इन अटकलों को लेकर एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हम सबका सम्मान करते हैं। हमको जहां जाने का मन होता है, जाते हैं। कौन क्या बोलता है इससे हमको मतलब नहीं है। यह सब फालतू की बात है। नीतीश कुमार एनडीए में शामिल होंगे या नहीं यह तो वक्त बताएगा लेकिन फिलहाल नीतीश को लेकर एनडीए और विपक्षी पार्टियों के नेताओं के बयानों का सिलसिला शुरू हो चुका है।
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