
एक बार फिर से यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने यूनिफॉर्म सिविल कोड की चर्चा कर एक नया राजनीतिक राग छेड़ दिया है। केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अब समय की जरूरत है कि पूरे देश में एक कानून लागू किया जाए। पहले की सरकारों ने तुष्टिकरण की राजनीति के कारण इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने ने आगे कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को समान नागरिक संहिता की मांग करनी चाहिए और उसका स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार भी इस दिशा में सोच रही है। हम इसके पक्ष में हैं और यह उत्तर प्रदेश और देश के लोगों के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता भाजपा के मुख्य वादों में से एक है।
कॉमन सिविल कोड को लेकर मौर्य ने कहा कि गैर भाजपाई लोगों को भी इसके लिए मांग करनी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के धारा 370, राम मंदिर निर्माण और कॉमन सिविल कोड प्रमुख मुद्दे रहे हैं। विपक्ष साथ देगा तो अच्छा है, अगर विपक्ष साथ नहीं देगा तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम इस पर विचार नहीं करेंगे। धारा 370 में भी विपक्ष ने साथ नहीं दिया उसके बाद भी हटाई गई और यह कॉमन सिविल कोड भी लागू किया जाएगा।
क्या है कॉमन सिविल कोड?
इसके लागू होने से देश में शादी, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने जैसे सामाजिक मुद्दे एक समान कानून के अंतर्गत आ जाएंगे। इसमें धर्म के आधार पर कोई कोर्ट या अलग व्यवस्था नहीं होगी। संविधान का अनुच्छेद 44 इसे बनाने की शक्ति देता है। इसे केवल केंद्र सरकार संसद के जरिये ही लागू कर सकती है।