‘कांग्रेस देश विरोधी तत्वों को मजबूत करती है, कर्नाटक की कभी रक्षा नहीं कर सकती’: पुत्तूर में अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि पार्टी राष्ट्र विरोधी तत्वों को मजबूत करती है और कर्नाटक की रक्षा करने में असमर्थ है। समाचार एजेंसी ANI को बताया कि उन्होंने आगे कहा कि अगर कर्नाटक के नागरिक अपने राज्य को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केवल भाजपा ही ऐसा कर सकती है।”
कर्नाटक के पुत्तुआर में शाह ने कहा, ‘कांग्रेस ने PFI के 1700 सदस्यों को रिहा कर दिया था और बीजेपी के पीएम नरेंद्र मोदी ने PFI पर प्रतिबंध लगा दिया और इसे स्थायी रूप से बंद कर दिया। देश विरोधी तत्वों को मजबूत करने वाली कांग्रेस पार्टी कभी कर्नाटक की रक्षा नहीं कर सकती।’ उन्होंने कहा, “आपके (कर्नाटक) के पास केरल है। मैं ज्यादा नहीं कहना चाहता। यदि आप कर्नाटक को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो केवल बीजेपी ही ऐसा कर सकती है। कर्नाटक में पीएम मोदी के नेतृत्व में केवल बीजेपी सरकार ही ये कर सकती है।
There is Kerala near you (Karnataka). I don't want to say much. If you want to keep Karnataka safe, only BJP can do this. Only a BJP govt in Karnataka, under the leadership of PM Modi, can do this: Union Home Minister Amit Shah, in Puttur, Karnataka pic.twitter.com/xjrTpZzjXu
— ANI (@ANI) February 11, 2023
सितंबर 2022 में केंद्र ने प्रतिबंध को प्रभावी करने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम लागू करके पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके सहयोगियों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया। गृह मंत्रालय ने कहा कि PFI और उसके सहयोगी आईएसआईएस जैसे आतंकी समूहों से जुड़े हुए हैं, जो “राष्ट्र-विरोधी भावनाओं को फैलाते हैं। समाज के एक विशेष वर्ग को असंतोष पैदा करने के इरादे से कट्टरपंथी बनाते हैं” और “देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा” बनते हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने PFI पर केंद्र के प्रतिबंध का स्वागत किया और कहा कि यह सभी राष्ट्र विरोधी समूहों के लिए एक संदेश है। कहा जाता है कि PFI ने कर्नाटक में बड़े पैमाने पर हिजाब विवाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हिजाब बैन को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं को PFI ने प्रभावित किया था। सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष कहा कि माता-पिता और बच्चों को प्रभावित करने के लिए PFI का सोशल मीडिया अभियान ही सब कुछ का मूल है।
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