Subhash Chandra Bose 125th Jayanti : सुभाष चंद्र बोस ने कौन-कौन से नारे दिए?

Subhash Chandra Bose Jayanti: आज सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती है। नेताजी के बारें में आज भी कई ऐसे रहस्य है, जिनको लेकर लोगों के मन में सवाल हैं और उनको जानने की इच्छा है। नेताजी की मृत्यु कैसे हुई थी, उनके परिवार में कौन-कौन था, सुभाष चंद्र बोस ने कौन कौन से नारे दिए? ऐसे ही कई सवालों के जवाब आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे…
23 जनवरी 1897 में ओडिशा के कटक शहर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म
नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 में ओडिशा के कटक शहर में हुआ था। ये तो सभा जानते है कि उन्होंने हमारे देश के लिए अपनी जान लड़ा थी जिसके फलस्वरूप आज हम खुले आसमान के नीचे सांस ले रहे हैं। नेताजी अंग्रेजो के खिलाफ आज़ादी की लड़ाई के सच्चे हीरो थे। भारत में नेताजी की जयंती हर वर्ष 23 जनवरी को मनाई जाती है।
सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु कैसे हुई थी?
विकिपीडिया में दी गई जानकारी के अनुसार द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान की हार के बाद, नेताजी को नया रास्ता ढूँढना जरूरी था। उन्होनें रूस से सहायता मांगने का फैसला किया था। 18 अगस्त 1945 को नेताजी हवाई जहाज से मंचूरिया की तरफ गए थे। इस सफर के दौरान वे गुम हो गये। इस दिन के बाद वे कभी किसी को दिखाई नहीं दिये।
23 अगस्त 1945 को टोकियो रेडियो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सैगोन में नेताजी एक बड़े बमवर्षक विमान से आ रहे थे कि 18 अगस्त को ताइहोकू हवाई अड्डे के पास उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में उनके साथ सवार जापानी जनरल शोदेई, पाइलेट तथा कुछ अन्य लोग मारे गये। नेताजी गम्भीर रूप से जल गये थे। उन्हें ताइहोकू सैनिक अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने आखिरी सांस ली।
कर्नल हबीबुर्रहमान के अनुसार उनका अन्तिम संस्कार ताइहोकू में ही कर दिया गया। सितम्बर के मध्य में उनकी अस्थियाँ संचित करके जापान की राजधानी टोकियो के रैंकोजी मन्दिर में रख दी गयीं। भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार से प्राप्त दस्तावेज़ के अनुसार नेताजी की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को ताइहोकू के सैनिक अस्पताल में रात्रि 21.00 बजे हुई थी।
स्वतन्त्रता के पश्चात् भारत सरकार ने इस घटना की जाँच करने के लिये 1956 और 1977 में दो बार आयोग नियुक्त किया। दोनों बार यह नतीजा निकला कि नेताजी उस विमान दुर्घटना में ही मारे गये।
Subhash Chandra Bose के परिवार में कौन-कौन था?
सुभाष चंद्र बोस ने 1937 में अपनी सेक्रेटरी और ऑस्ट्रियन युवती एमिली से शादी की। उन दोनों की एक अनीता नाम की एक बेटी भी हुई जो वर्तमान में जर्मनी में सपरिवार रहती हैं।
जानें नेताजी ने कौन कौन से नारे दिए?
तुम मुझे खून दो ,मैं तुम्हें आजादी दूंगा।
संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, मुझमे आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ ,जो पहले नहीं था।
अगर संघर्ष न रहे, किसी भी भय का सामना न करना पड़, तब जीवन का आधा स्वाद ही समाप्त हो जाता है।
मुझे यह नहीं मालूम की, स्वतंत्रता के इस युद्ध में हममे से कौन कौन जीवित बचेंगे. परन्तु में यह जानता हूँ, अंत में विजय हमारी ही होगी।