
Punjab : राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2024 (एनएएस) में पंजाब को देश में पहला स्थान मिलने पर रविवार को ‘‘आप’’ सरकार ने राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया। संगरूर में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस उपलब्धि का श्रेय सभी टीचर्स-प्रिंसिपल को देते हुए कहा कि पंजाब में ‘‘आप’’ सरकार के तीन बड़े लक्ष्य हैं. पहला नशा खत्म करना और दोबरा बच्चों को नशे में आने से रोकना. दूसरा, हर बच्चे को बेहतरीन शिक्षा देना और हर बच्चे को रोजगार मुहैया कराना।
पिछली सरकारों ने अच्छा माहौल नहीं दिया, लेकिन जब ‘‘आप’’ सरकार ने माहौल दिया तो टीचर्स ने करिश्मा कर दिखाया और पंजाब को नंवर बन बना दिया। सरकारी स्कूलों के छात्रों में गज़ब का आत्मविश्वास आ गया है। अब पंजाब के लोग कह रहे हैं कि नशे के खिलाफ काम हो रहा है और शिक्षा में क्रांति हो रही है। इससे पहले अरविंद केजरीवाल तरन तारन के दिवंगत ‘‘आप’’ विधायक डॉ. कश्मीर सिंह के भोग व अंतिम अरदास में शामिल हुए। इस दौरान सीएम भगवंत मान, पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2022 से पहले कांग्रेस, अकाली की सरकार रही, लेकिन किसी सरकार में शिक्षकों को अपने मुख्यमंत्री या मंत्री के साथ आमने-सामने बैठकर बात करने का मौका नहीं मिला था। 2022 में पंजाब की जनता ने ‘‘आप’’ को आशीर्वाद दिया और प्रचंड बहुमत के साथ हमारी सरकार बनी। चुनाव प्रचार के दौरान पंजाब के टीचर अपनी मांगों को लेकर पानी की टंकी पर बैठे मिलते थे, जिन टीचर को क्लास रूम के अंदर बच्चों का भविष्य बनाना चाहिए, वो अपनी मांगों को लेकर धरने पर मिलते थे।
आज वही टीचर पंजाब के मुख्यमंत्री और मंत्री के साथ बैठ कर बात कर रहे हैं। यह किसी क्रांति से कम नहीं है. नैस (एनएएस) 2024 के सर्वे में पंजाब नंवर वन पर आया है। इसके लिए सभी को बधाई. 2017 में पंजाब 29वें नंबर पर था। अब पंजाब सभी कटेगरी में नंबर वन पर आया है। यह सब प्रिंसिपल और टीचर की कड़ी मेहनत की वजह से हुआ है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह सच्चाई है कि ‘‘आप’’ की पंजाब सरकार ने टीचरों को अच्छा माहौल दिया है। पहले ऐसा माहौल नहीं था। सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर, टीचर को विदेशों में ट्रेनिंग के लिए भेजा, कई तरह के प्रोग्राम चलाए। इसके बाद पूरे सिस्टम के अंदर माहौल बना कि यह सरकार शिक्षा के लिए गंभीर है, लेकिन काम करने वाले टीचर और प्रिंसिपल हैं। ‘‘आप’’ सरकार के पहले सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर को गालियां दी जाती थी।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के टीचर को निकम्मा बताया जाता था। दिल्ली के अंदर उन्हीं टीचर ने जबरदस्त काम करके दिखाया और अब पंजाब के अंदर वही सरकारी टीचर शानदार काम कर रहे हैं। हमने कोई टीचर नहीं बदले हैं, 20-30 साल से यही टीचर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। टीचरों का कसूर नहीं था, कसूर पिछली सरकारों का था, जिन्होंने टीचरों का शोषण किया।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछली सरकारों ने टीचरों को उनका अधिकार नहीं दिया, इसलिए टीचर धरने पर बैठे रहते थे। जबकि टीचर बच्चों को पढ़ाना चाहते थे। ‘‘आप’’ सरकार के बने तीन साल हो गए हैं। अब पंजाब के सरकारी स्कूलों के जबरदस्त नतीजे आने लगे हैं। नीट में 850, जेईई मेंस में 250 पास किए और 44 बच्चों ने जेईई एडवांस पास कर लिया। इसी तरह दिल्ली में भी तीन साल बाद जबरदस्त नतीजे आने लगे थे।
केजरीवाल ने कहा कि हमने दिल्ली में नीट, जेईई पास करने वाले बच्चों से पूछा कि कैसे इतनी मुश्किल परीक्षा पास कर ली। तो हर बच्चे अपने टीचर की तारीफ कीं। एक बच्चे की कहानी उनके टीचर की मेहनत की कहानी थी। टीचर अपने बच्चों पर मेहनत करना चाहते हैं, लेकिन उनको माहौल नहीं दिया जाता है। ‘‘आप’’ सरकार ने माहौल दिया और टीचर्स ने करिश्मा करके दिखा दिया।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ सालों में स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर जबरदस्त काम हुआ है। बाउंड्री वाल, सफाई, पीने का पानी, टीचर को ट्रेनिंग समेत तमाम काम किए गए हैं। बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम भी शुरू हो गया है। सरकारी स्कूलों के बच्चों में गजब का आत्मविश्वास आ गया है।
उन्होंने कहा कि 2017 में दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में हम लोग गए। एक बच्चे से कहा कि बेटा तुम देश के भविष्य हो, तो उसने जवाब दिया कि देश भविष्य मैं नहीं, प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे हैं। तीन साल बाद उसी स्कूल में दोबारा गए और उसी बच्चे दोबारा पूछा तो उसकी आंखों में आंसू थे। वह बोला कि अब मुझे लगता है कि मैं भी देश का भविष्य हूं। यह बहुब बड़ी उपलब्धि है। पंजाब के सरकारी स्कूलों के बच्चों के अंदर गजब का आत्मविश्वास आ रहा है। बच्चे अब बिजनेस आइडियाज सोच रहे हैं। देश के बड़े-बड़े उद्योगपतियों के सामने 11वीं व 12वीं के बच्चों की टीम ने पूरे विश्वास के साथ प्रेजेंटेशन दियां।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरे लिए नैस का रिजल्ट महत्वपूर्ण नहीं है। हम लोगों को पंजाब के लोगों को प्यार, विश्वास और अभूतपूर्व बहुमत दिया है। हमारे लिए पंजाब के लोगों का सर्टिफिकेट सबसे बड़ा सर्टिफिकेट होगा। जब पंजाब के लोग कहेंगे कि पंजाब की शिक्षा सुधर गई, उसे हम अपनी उपलब्धि का सर्टिफिकेट मानेंगे।
उन्होंने कहा कि अब पंजाब के लोग कहने लगे हैं कि नशे के खिलाफ ठोस काम हो रहा है और गांव-गांव में शिक्षा की क्रांति आ रही है। जनता तारीफ कर रही है कि शिक्षा के अंदर क्रांति का आ रही है। उन्होंने कहा कि अक्सर टीचर भी अच्छी पढ़ाई करने वाले बच्चों पर ज्यादा देते हैं, लेकिन हमें सबसे ज्यादा ध्यान कमजोर बच्चों पर देना है। पंजाब के एक-एक बच्चे का भविष्य बनना चाहिए।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब हमारे लिए तीन चीजें जरूरी हैं। पहला, नशा खत्म करना है। इसके लिए पूरे पंजाब के अंदर नशे के खिलाफ युद्ध चल रहा है। नशे के खिलाफ ‘‘आप’’ की सरकार जो राजनीति इच्छा शक्ति दिखा रही है, वैसी राजनीतिक इच्छा शक्ति आजतक किसी सरकार ने नहीं दिखाईं। जो बड़े-बड़े मंत्री थे, उनको भी नहीं बख्शा जा रहा है। नशा तस्करों के घर बुल्डोजर से गिराए जा रहे हैं। 17-18 हजार नशा तस्करों को जेल में डाला जा चुका है।
उन्होंने कहा कि अब अपने बच्चों को दोबारा नशे में नहीं पड़ने देना है। हर स्कूलों को यह जिम्मेदारी लेनी है कि किसी भी बच्चे को नशे में नहीं जाने देना है। अगर कोई बच्चा नशे में जाए तो टीचर की जिम्मेदारी उसे बाहर निकालने की है। तीसरा, हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए और तीसरा हमें हर बच्चे के लिए नौकरी का इंतजाम करना और बिजनेस ब्लास्टर्स के जरिए उसको कमाने लायक बनाकर भेजना है। ऐसी शिक्षा का कोई फायदा नहीं, जिसका सर्टिफिकेट लेकर बच्चा नौकरी के लिए घूमता रहे। हमें प्रैक्टिकल शिक्षा देनी है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गरीब परिवारों के बहुत सारे बच्चे 12वीं के बाद पढ़ते नहीं है। ऐसे बच्चे 12वीें के बाद स्कूल से निकलें तो वह अपना और अपने परिवार का पेट भरने लायक बन सके। इसलिए बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम शुरू किया गया है। पंजाब के हर एक बच्चे का अच्छा भविष्य ही हमारे लिए सबसे बड़ा सर्टिफिकेट है।
इस दौरान पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार के ठोस प्रयासों के कारण आज पंजाब नैस में प्रथम स्थान पर है, जबकि वर्ष 2017 में पंजाब 29वें स्थान पर था। उन्होंने कहा कि शिक्षक राष्ट्र के निर्माता होते हैं और उन्होंने पंजाब को नंबर एक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य सरकार के ठोस प्रयासों के चलते पंजाब आज हर क्षेत्र में शानदार उपलब्धियां हासिल कर रहा है। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि वे छात्रों को पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराएं क्योंकि यह विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि यह समय की जरूरत है कि विद्यार्थी अपनी जड़ों से जुड़े रहें और जीवन में ऊंचाइयों को छुएं। राज्य सरकार विद्यार्थियों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दे रही है ताकि वे आत्मनिर्भर, स्वाभिमानी और समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।
भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी और इसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के संयुक्त प्रयासों के कारण आज शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली जैसे क्षेत्र देश की राजनीति के केंद्र में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले किसी भी राजनीतिक पार्टी ने इन मुख्य क्षेत्रों की चिंता नहीं की थी, जबकि ये आम आदमी के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण रहे हैं। राज्य सरकार का हर कदम आम आदमी की भलाई के लिए है और इस नेक कार्य में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। पिछली सरकारों ने कभी भी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की परवाह नहीं की। बड़े नेताओं के बच्चे मंहगे कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ते थे। इसलिए वे कभी सरकारी स्कूलों की ओर नहीं देख पाए। पहले सरकारी स्कूल केवल मिड-डे मील के वितरण केंद्र बने हुए थे।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों को स्कूल स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर उनकी तकदीर बदलने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। पंजाब सरकार ने राज्य में शिक्षा क्रांति की शुरुआत की है, जिसने सामाजिक-आर्थिक दीवारों को तोड़ते हुए विद्यार्थियों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। शिक्षा क्षेत्र सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है, क्योंकि विद्यार्थियों की भलाई से बढ़कर कुछ भी नहीं।
भगवंत सिंह ने कहा कि उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पंजाब का शिक्षा क्षेत्र अब महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है, जिसके चलते सरकारी स्कूलों के परिणाम और अधिक बेहतर होंगे और इससे सरकार के प्रयासों को और अधिक मजबूती मिलेगी। पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है और पंजाब निश्चित रूप से देश भर में रोल मॉडल के रूप में उभरेगा। सरकार यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है कि शिक्षकों की सेवाएं किसी अन्य कार्य के बजाय केवल शिक्षा के उद्देश्य के लिए ही ली जाएं।
भगवंत मान ने कहा कि नये बदलाव के तहत सरकारी स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग्स (पीटीएम) करवाई जा रही हैं। पहले यह प्रथा केवल निजी स्कूलों में ही थी, लेकिन अब सरकारी स्कूलों में भी इसे अपनाया जा रहा है। यह विद्यार्थियों की भलाई के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई शिक्षा के सर्वाेत्तम अभ्यासों में से एक है, क्योंकि इससे अभिभावक और शिक्षक विद्यार्थियों के हित में बेहतर संवाद स्थापित कर पाते हैं। राज्य सरकार ने पंजाब में शिक्षा क्रांति का युग शुरू कर दिया है और इसे मजबूत करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है।
युवाओं को अब तक 54,000 से अधिक नौकरियां दी जा चुकी हैं और ये सभी नौकरियां पूरी योग्यता के आधार पर बिना किसी भ्रष्टाचार या भाई-भतीजावाद के दी गई हैं। इससे युवाओं को पंजाब के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदारी का अवसर मिला है। राज्य सरकार का हर निर्णय जनता की भलाई और प्रदेश की तरक्की के लिए लिया जा रहा है।
पंजाब के लाखों बच्चों की आंखों में आत्मविश्वास
पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम आज यह जश्न नहीं मना रहे कि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) में पंजाब नंबर वन आ गया है। भारत सरकार, जो विपक्षी दलों की सरकारों को कभी कुछ नहीं मानती, उसे भी मानना पड़ा कि पंजाब नंबर वन है। लेकिन बात यह है कि पंजाब के लाखों बच्चों की आंखों में आत्मविश्वास आ गया है। ये बच्चे ही देश का भविष्य हैं। “आप” की राजनीतिक सोच यह है कि देश का भविष्य शिक्षक तय करते हैं। हम शिक्षकों को एक पायलट की तरह देखते हैं, जिनका काम बच्चों को बचपन से एक अच्छे नागरिक के रूप में तैयार करना, उन्हें उड़ान देना और समाज में सही लैंडिंग कराना है। पंजाब सरकार और “आप” ग्राउंड स्टाफ हैं, लेकिन असली पायलट शिक्षक हैं। टीचरों ने शानदार टेकऑफ किया, शानदार उड़ान भरी और नंबर वन स्टेशन पर शानदार लैंडिंग कराई। बच्चों की जिंदगी को सही दिशा दी है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि नंबर वन बनना आसान नहीं होता। किसी एक बच्चे को नंबर वन बनाना आसान है, लेकिन पूरे पंजाब के सरकारी स्कूलों को नंबर वन बनाना आसान नहीं है। यह शिक्षकों ने कर दिखाया है। नंबर वन बनने का मतलब यह नहीं कि आज नंबर वन हुए तो हमेशा बने रहेंगे। अगर किसी स्कूल में 100 बच्चे पास हो रहे हैं और उनमें से एक बच्चा आईआईटी चला गया, तो यह संयोग हो सकता है। यह एक शिक्षक या प्रिंसिपल की मेहनत का नतीजा हो सकता है। लेकिन स्कूल तब नंबर वन बनता है, जब पहले और दूसरे बच्चे के बीच की दूरी व पहले और सौवें बच्चे के बीच की दूरी भी कम हो। हमारे देश की शिक्षा की समस्या यह नहीं कि टॉपर नहीं हैं। टॉपर तो हमेशा रहे हैं। समस्या यह है कि टॉपर और दूसरे नंबर के बीच बहुत दूरी है और पहले और सौवें नंबर के बीच तो और भी ज्यादा दूरी है।
सौवें नंबर पर मेहनत करना जरूरी है
मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षकों ने पहले और सौवें नंबर के बच्चे के बीच की दूरी को कम कर दिया। उन्होंने सौवें नंबर के बच्चे को भी पहले नंबर के करीब ला दिया। नंबर वन पर तो सब मेहनत कर लेते हैं, लेकिन सौवें नंबर पर मेहनत करना जरूरी है। किसी स्कूल का औसत इस बात से तय नहीं होता कि एक बच्चा कहां गया। यह इस बात से तय होता है कि सौवां बच्चा कहां गया। पंजाब के स्कूलों का नंबर वन होना इस बात से तय नहीं हो रहा कि एक बच्चा कहां जा रहा है। यह इस बात से तय हो रहा है कि 24 लाखवां बच्चा भी ऊपर उठ रहा है। इस काम को जारी रखिएगा।
इससे पहले, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिवंगत विधायक डॉ. कश्मीर सिंह सोहल के भोग और अंतिम अरदास में शामिल हुए और शोकाकुल परिवार को इस दुख की घड़ी में ताकत देने की प्रार्थना थी। डॉ. कश्मीर सिंह तरन तारन विधानसभा से ‘‘आप’’ के विधायक थे। इस मौके पर पंजाब के सीएम भगवंत मान समेत अन्य मंत्री और वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। सभी ने डॉ. कश्मीर सिंह सोहल के असमय निधन पर शोक व्यक्त करते हुए इसे पार्टी और राज्य के लिए बड़ी क्षति बताया।
वह एक प्रमुख समाजसेवी थे
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह एक प्रमुख समाजसेवी थे, जो हमेशा आम लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहते थे। भले ही दिवंगत विधायक डॉ. सोहल एक गंभीर बीमारी से पीड़ित थे, फिर भी उन्होंने मिशनरी भावना के साथ लोगों की सेवा की, जिसके कारण वे बहुत लोकप्रिय थे। वे पार्टी के एक वफादार सिपाही थे, जो जनता की सेवा करने की अपनी विचारधारा के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध थे। पार्टी इस संकट की घड़ी में दिवंगत नेता के परिवार के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा कि डॉ. कश्मीर सिंह सोहल के निधन से पार्टी ने एक अच्छा इंसान और अनुभवी राजनेता खो दिया, जो स्वच्छ और मूल्यों पर आधारित राजनीति में विश्वास रखते थे। वह एक ईमानदार राजनेता, समर्पित समाजसेवी और पार्टी का अनुशासित सिपाही थे, जिन्होंने हमेशा राज्य के समग्र विकास, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्र और इसके लोगों के कल्याण को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. सोहल द्वारा एक डॉक्टर और विधायक के रूप में राज्य की प्रगति और समृद्धि के लिए दी गई शानदार सेवाओं को हमेशा याद रखा जाएगा।
इस दौरान मौजूद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि दिवंगत विधायक एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के कमजोर वर्गों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। डॉ. सोहल का निधन उनके जीवन की सबसे दुखद घटनाओं में से एक है, क्योंकि विधायक उनके बहुत करीबी थे। उनका असमय निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है, जिसने अपने ऐसे ऊर्जावान नेता को खो दिया, जो आम लोगों में बहुत लोकप्रिय थे।
डॉ. सोहल की लोकप्रियता का अंदाजा आज उनकी अंतिम अरदास में समाज के हर वर्ग की उपस्थिति से लगाया जा सकता है। दिवंगत डॉ. सोहल पूरे क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध थे। अब उनका व्यक्तिगत कर्तव्य है कि वे दिवंगत नेता के सभी सपनों को साकार करें। तरन तारन विधानसभा क्षेत्र के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि वे डॉ. सोहल द्वारा शुरू किए गए कार्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही हम इस दुखद घटना को अकाल पुरख की इच्छा मानकर स्वीकार करते हैं, लेकिन वास्तव में इस दर्द और दुख को सहन करना बहुत कष्टदायक है। दिवंगत डॉ. सोहल के निधन से ऐसी रिक्तता पैदा हुई है, जिसे भरना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि दिवंगत विधायक एक प्रिय नेता थे, जो स्वच्छ और मूल्यों पर आधारित राजनीति में विश्वास रखते थे। दुखी परिवार के सदस्यों के साथ गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए भगवंत सिंह मान ने अकाल पुरख से प्रार्थना की कि वे दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और संकट की इस घड़ी में परिवार के सदस्यों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
परिवार के साथ दुख साझा करने पहुंची हजारों की संख्या में संगत में पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां, कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर, हरभजन सिंह ईटीओ और महिंदर भगत, पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया, पंजाब विधानसभा के डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण सिंह रौड़ी और अन्य हस्तियां शामिल थी।
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