हर वर्ष दो करोड़ नौकरियों का लक्ष्य पूरा होता दिख रहा है : अश्विनी वैष्णव

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New Delhi : केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है। भारत का उत्पादन पिछले दशकों में घटा था। लेकिन, मेक इन इंडिया का लॉन्‍च एक टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। विपक्षियों ने मेक इन इंडिया का विरोध किया था। लेकिन, अब इसके बेहतर परिणाम सबके सामने हैं। हम बहुत जल्दी वन ट्रिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट करेंगे। एक्सपोर्ट 762 बिलियन डॉलर है। उत्‍पादों का एक्सपोर्ट 453 बिलियन डॉलर है, जो सर्विस से ज्यादा है। वैष्‍णव ने कहा कि 2 करोड़ सालाना नौकरी का लक्ष्य पूरा होता दिख रहा है।

वैष्‍णव ने क्या कहा?

वैष्‍णव ने कहा कि अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों के निम्‍न इनकम से उच्‍च इनकम में आने के लिए मैन्युफैक्चरिंग का अहम रोल था। मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट ग्रोथ से ग्रामीण इलाके से लोगों को फायदा होता है। प्रॉविडेंट फंड (PF) का डाटा देखें तो साल में 70 लाख से बढ़कर एक करोड़ अस्सी लाख हो चुका है। 2 करोड़ सालाना नौकरी का लक्ष्य पूरा होता दिख रहा है।

तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे  

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पहले पेट्रोल का ज्यादा एक्सपोर्ट होता था। लेकिन, आज फार्मास्यूटिकल तथा आयरन 13 लाख करोड़ और चौथे नंबर पर अब मोबाइल फोन एक्सपोर्ट पिछले साल 90 हजार करोड़ से बढ़कर 4 लाख करोड़ होने वाला है। खिलौनों का एक्सपोर्ट भी चार हजार करोड़ पहुंच गया है। जबकि, पहले सब इंपोर्ट करते थे। 2025-26 तक हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।

मैन्युफैक्चरिंग का अहम रोल था

वैष्‍णव ने कहा कि अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों के निम्‍न इनकम से उच्‍च इनकम में आने के लिए मैन्युफैक्चरिंग का अहम रोल था। मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट ग्रोथ से ग्रामीण इलाके से लोगों को फायदा होता है।

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