
मान सरकार ने पराली को ‘पराली धन’ में तब्दील करने के कई कारगर कदम भी उठाए हैं, जिनमे पराली से ईंधन बनाना और केरल को पराली निर्यात करना प्रमुख हैं।
- पिछले तीन वर्षों में 20% कम जली पराली
- वर्ष 2020 में 20 नवंबर तक पराली जलाने के कुल 75,986 मामले थे वहीं 20 नवंबर 2021 तक 70,711 मामले थे कि इस वर्ष कम होकर सिर्फ 49,775 मामले रह गए हैं। यानी पिछले वर्षों की तुलना में 20.3% स्थान पर कम पराली जलाई गई।
- अब धान की फसल की कटाई भी लगभग पूरी हो चुकी है।
- इस वर्ष राज्य में पराली जलाने मामली में कमी लाने में जागरूकता और प्लानिंग ने अहम भूमिका निभाई है।
पंजाब में पराली से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जल, मिट्टी और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए पराली जलाने के खिलाफ लड़ाई छेड़ रखी है…पंजाब की हवा में धुएं का जहर न फैले इसके लिए पंजाब के किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। पराली से मुक्ति पाने के लिए मान सरकार ने कई अहम कदम उठाए जिसमें से इसी कड़ी में पराली को लेकर एक और अहम फैसला लिया गया पंजाब सरकार ने ईंट भट्ठों के लिए आदेश जारी किया जिसकी वजह से इस वर्ष पंजाब में पराली से होने वाले धुएं में कमी देखी गई।
पराली खेतों में न जलाई जाए इसके लिए पंजाब सरकार ने पराली से बिजली पैदा करने की दिशा में भी काम शुरू कर दिया है…इसके लिए किसानों को प्लांट तक पराली पहुंचानी होगी जिसका पूरा खर्च सरकार उठा रही है