
Telangana Tunnel Collapse : तेलंगाना में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के निर्माणाधीन टनल में छत का एक हिस्सा ढह जाने से आठ लोग फंस गए हैं, जिनमें दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर शामिल हैं। इन सभी की मदद के लिए बचाव अभियान जारी है। ये लोग उत्तर प्रदेश, झारखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से हैं। तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि राज्य सरकार विशेषज्ञों की मदद ले रही है, जिनमें उत्तराखंड में हुई ऐसी ही घटना में बचाव कार्य में शामिल विशेषज्ञ भी हैं। इसके साथ ही सेना और एनडीआरएफ की टीमें भी सहायता में लगी हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बचाव कार्य में जुटी टीमें सुरंग में ताजा हवा पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं ताकि फंसे हुए लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी से फोन पर बात कर घटना की जानकारी ली और केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
NDRF और SDRF की टीम बचाव कार्य में शामिल
बचाव कार्य में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें शामिल हैं। शनिवार सुबह पहले 50 लोगों की टीम ने सुरंग के अंदर 13.5 किलोमीटर तक काम किया, लेकिन अचानक छत ढहने से आठ लोग फंस गए, जबकि 42 लोग सुरंग के बाहर निकलने में सफल हो गए। बचाव दल के प्रयास जारी हैं, और पानी निकालने की प्रक्रिया भी चल रही है, जो काफी जटिल है।
मंत्री रेड्डी ने बताया कि इस सुरंग में 44 किलोमीटर की दूरी तय करनी है, जिसमें से लगभग 9.5 किलोमीटर का काम बाकी है। सरकारी स्वामित्व वाली सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के विशेषज्ञों की एक टीम भी बचाव कार्य में शामिल हुई है।
NDRF के डिप्टी कमांडर ने दी जानकारी
एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर सुखेंदु ने बताया कि सुरंग के 11-13 किलोमीटर के हिस्से में पानी भर गया है, और बचाव कार्य शुरू करने से पहले इस पानी को बाहर निकालना जरूरी है। इस काम के बाद ही मलबा हटाया जा सकेगा और फंसे हुए श्रमिकों का सही स्थान पता चल पाएगा।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी स्थिति की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और अधिकारियों को बचाव अभियान को तेज़ी से चलाने के निर्देश दिए हैं।
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