
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने ड्रग्स मामले में एक आरोपी को जमानत देने से साफ इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि ऐसे ड्रग सिंडिकेट देश के युवाओं के भविष्य को नष्ट कर रहे हैं। आरोपी ड्रग सिंडिकेट का प्रमुख सदस्य है और उसने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत दर्ज मामले में जमानत के लिए शीर्ष अदालत में आवेदन किया था।
ड्रग्स सिंडिकेट पर आधारित सीरीज
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस बेला त्रिवेदी और जज सतीश चंद्र शर्मा शामिल थे, ने आरोपी को जमानत देने से मना करते हुए कहा कि इस तरह के सिंडिकेट युवाओं को मार रहे हैं। सुनवाई के दौरान अदालत ने आरोपी के वकील से नार्कोस और ब्रेकिंग बैड जैसी वेब सीरीज का हवाला दिया, जो ड्रग्स सिंडिकेट पर आधारित हैं। कोर्ट ने वकील से पूछा, “क्या आपने नार्कोस देखी है? उसमें बहुत मजबूत ड्रग सिंडिकेट था, जो शायद ही कभी पकड़ा जाता था।” इसके बाद, अदालत ने ब्रेकिंग बैड का जिक्र करते हुए कहा कि यह भी एक ड्रग्स सिंडिकेट पर आधारित सीरीज है, और इसे जरूर देखा जाना चाहिए।
जमानत याचिका खारिज
अदालत ने स्पष्ट किया कि वे ऐसे अपराधियों से नहीं लड़ सकते जो देश के युवाओं को बर्बाद कर रहे हैं। आरोपी ने 4 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने उसे जमानत देने से मना कर दिया था।
इस मामले में आरोपी को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था, जब पुलिस ने उसे 73.80 ग्राम स्मैक (हेरोइन) के साथ रंगे हाथों पकड़ा था। अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि वह ऐसे ड्रग सिंडिकेट से नहीं निपट सकते जो समाज को नष्ट कर रहे हैं।
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