Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, ज्यादा पिछड़ी जातियों को दिया जा सकता है अलग कोटा
Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति को लेकर फैसला सुनाया है। यह फैसला 6 : 1 के बहुमत सुनाया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एससी एसटी कैटेगरी के भीतर ज्यादा पिछड़ों के लिए अलग कोटा दिया जा सकता है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाया है।
आपको बता दें कि पंजाब में वाल्मीकि और मजहबी सिख जातियों को आरक्षण देने के लिए कानून बनाया गया था। हाईकोर्ट ने फैसले को रद्द कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस जाति को आरक्षण में अलग से हिस्सा दिया जा रहा है, उसके पिछड़ेपन का सबूत होना चाहिए। शिक्षा और नौकरी में उसके कम प्रतिनिधित्व को आधार बनाया जा सकता है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जिस जाति को आरक्षण में अलग से हिस्सा दिया जा रहा है, उसके पिछड़ेपन का सबूत होना चाहिए. शिक्षा और नौकरी में उसके कम प्रतिनिधित्व को आधार बनाया जा सकता है। सिर्फ किसी जाति की संख्या ज्यादा होने को आधार बनाना गलत होगा। आगे अदालत ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग एक समान नहीं है. कुछ जातियां ज्यादा पिछड़ी हुई हैं। उन्हें अवसर देना सही है। हमने इंदिरा साहनी फैसले में OBC के सबक्लासिफिकेशन की अनुमति दी। यह व्यवस्था अनुसूचित जाति के लिए भी लागू हो सकती है।
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