सुनीता विलियम्स की सुरक्षित लैंडिंग पर गुजरात के झूलासन गांव में आतिशबाजी और जश्न

गुजरात के झूलासान गांव में आतिशबाजी और जश्न
Sunita Williams : अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की वापसी पर उनके पिता के गांव झूलासन में जश्न है। सुनीता विलियम्स के वापस लौटने की राह देख रहे गांव में पिछले आठ महीने से इंतजार चल रहा था लेकिन पिछले तीन दिनों से हर कोई बेचैन था। वहीं झूलासन गांव के लोग मंगलवार की रात को नहीं सोए और सुनीता की वापसी पर फिर होली के साथ दिवाली मनाई।
अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन में नौ महीने बिताने के बाद सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर सुरक्षित धरती पर लौट आए हैं। सुनीता विलियम्स की वापसी पर गुजरात के उनके पिता के पैतृक गांव झूलासन में जश्न का माहौल है। एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा के तट पर सुरक्षित रूप से उतरा तो गुजरात के मेहसाणा जिले में आने वाले झूलासन गांव के लोगों को करीब आठ महीने से इंतजार पूरा हो गया। सुनीता विलियम्स पिछले साल महज एक सप्ताह के लिए अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन गई थीं लेकिन बोइंग का जो स्टारलाइनर यान उन्हें वापस धरती पर लाने वाला था वे खराब हो गया इसलिए सुनीता विलियम्स को इतना लंबा इंतजार करना पड़ा।
झूलासान गांव में आतिशबाजी के साथ जश्न
जैसे ही सुनीता विलियम्स की सुरक्षित लैंडिंग हुई वैसे झूलासन गांव में आतिशबाजी के साथ जश्न शुरू हो गया। सुनीता विलियम्स के लिए झूलासन गांव में अखंड ज्योति जल रही थी। गांव के बुजुर्ग से लेकर बच्चों ने डांस किया। आज पूरे दिन झूलासन गांव में जश्न की तैयारी की गई है। वहीं प्राइमरी स्कूल में सुनीता विलियम्स की फोटो के साथ बड़ा जुलूस निकाला जाएगा। नौ महीने पहले गांव के हाई स्कूल में ज्योति को मंदिर में ले जाया गया था। सुनीता विलियम्स वापसी के बाद अब इस ज्योत को मंदिर से हाई स्कूल ले जाया जाएगा।
सुनीता विलियम्स का पैतृक घर है
बता दें कि मेहसाणा जिले के झूलासन गांव में अभी भी सुनीता विलियम्स का पैतृक घर है। यह गांव कडी तहसील में आता है। सुनीता विलियम्स के पिता और चाचा झुलासन में रहते थे। वर्षों पूर्व का झूलासन का घर पूरी तरह से अब जर्जर हो चुका है। यह घर सालों से बंद है क्योंकि सुनीता विलियम्स के पिता के अमेरिका चले जाने के बाद से यह घर बंद है। सुनीता विलियम्स के पारिवारिक भाई अभी भी झुलासन में हैं। सुनीता विलियम्स अब तक तीन बार झूलासन का दौरा किया है। साल 1972, 2007 और 2013 में अपने अंतरिक्ष मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद आई थी।
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