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महिला सुरक्षा: संवेदनशील नीतीश सरकार, 850 थानों में महिला हेल्पडेस्क का उपहार

Women safety in Bihar

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Women safety in Bihar: प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इसी क्रम में नारी सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए सरकार की पहल निरंतर जारी है। सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए थानों में महिला हेल्प डेस्क गठन के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में प्रदेश में अब तक 850 थानों में महिला हेल्पडेस्क का गठन हो चुका है।

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Women safety in Bihar: प्रदेश सरकार का सरोकार, महिलाओं का योगदान अहम

प्रदेश सरकार का मानना है कि महिलाएं समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। महत्वपूर्ण विभागों समेत सामाजिक कार्यों में भी महिलाएं बढ़-चढ़कर योगदान कर रही हैं। कार्य और कर्तव्यों को लेकर महिलाओं का घर के बाहर आना-जाना होता है। वहीं समाज में कहीं-कहीं महिलाओं को घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, दुर्व्यवहार, छेड़खानी समेत अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

Women safety in Bihar: 26 फरवरी से हुई थी शुरूआत

कई बार अनुकूल वातावरण न होने के कारण महिलाएं इसकी शिकायत थाने पर नहीं कर पाती थीं। इसको देखते हुए विधिवत तौर पर महिला हेल्प डेस्क का गठन किया गया। बीते 26 फरवरी से शुरू हुई महिला हेल्प डेस्क अब तक प्रदेश के 850 थानों में खोली जा चुकी है। इसकी जानकारी बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने दी।

Women safety in Bihar: 1982 महिला पुलिसकर्मी तैनात

उन्होंने बताया कि अभी तक 850 थानाओं में महिला हेल्प डेस्क का गठन किया जा चुका है। अब महिलाओं को थाने में सहयोग के साथ उनके साथ होने वाली घटनाओं को लेकर कार्रवाई से संबंधित उचित जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए थानाकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। वर्तमान में सभी 850 महिला हेल्प डेस्क में पूरे राज्य में 475 महिला पुलिस पदाधिकारी के साथ 1982 महिला पुलिसकर्मियों को लगाया गया है।

Women safety in Bihar: 47116 महिलाओं ने दर्ज कराईं समस्याएं

उन्होंने बताया कि प्रचार प्रसार का परिणाम यह है कि अगस्त महीने तक 47116 महिलाएं अपनी समस्याओं को लेकर हेल्प डेस्क पहुंची। इससे अब जरूरतमंद महिलाओं की पहुंच भी थाने तक है। 850 महिला हेल्प डेस्क में से 296 महिला हेल्प डेस्क शहरी थाने में हैं वही 554 महिला हेल्थ रिस्क ग्रामीण थानों में कार्यरत हैं।

रिपोर्टः सुजीत श्रीवास्तव, ब्यूरोचीफ, बिहार

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