इस स्कूल में शिक्षा के साथ संस्कार से भी सींची जाती हैं बच्चों की ‘जड़ें’

Values Along with Education
Values Along with Education: बिहार में एक चीज के नित नए रंग देखने को मिलते हैं। इसी क्रम में एक ओर जहां बिहार के एक सरकारी विद्यालय में स्मार्ट क्लास के नाम पर अश्लील भोजपुरी गाने बजाने की ख़बर सामने आई है तो वहीं एक अन्य विद्यालय में बच्चे शिक्षा के साथ संस्कार भी सीख रहे हैं।
Values Along with Education: भभुआ प्रखंड के विद्यालय की अनूठी पहल
कैमूर में सरकारी स्कूल में शिक्षा के साथ बच्चो को संस्कार भी सिखाए जा रहे हैं। भभुआ प्रखंड के न्यू प्राथमिक विद्यालय बेतरी में शिक्षा के साथ देश के महापुरुषों के जन्मदिन दिन हो या बिहार की सांस्कृति। इन सब के बारे में बच्चों जानकारी दी जाती है। साथ ही बच्चे त्योहार के विभिन्न पहलुओं को भी बारीकी से सीखते हैं।
Values Along with Education: पर्व और त्योहारों का नाटकीय मंचन
पर्व और त्योहारों को सीखने के लिए एक नाटक का मंचन कर बच्चे इस बारें जानते हैं। पूरे जिले में अपने इस अनूठे प्रयोग के लिए यह विद्यालय चर्चा का विषय बना हुआ है।
Values Along with Education: बच्चे सीखते त्योहार मनाना
इसमें बच्चों को सिखाया गया कि तरह छठ पूजा में अर्घ्य दिया जाता है। इस त्योहार को मनाने के लिए दो बच्चियां मिलकर छठ व्रत रखती हैं और अर्घ्य देती हैं।छठ पूजा को देख पूरे स्कूल में ग्रामीणों कि भीड़ उमड़ आती है।
कुल 194 बच्चे हैं नामांकित
इस स्कूल में कक्षा एक से पांच तक कक्षाएं चलती हैं। 194 बच्चे नामांकित हैं स्कूल में कुल सात शिक्षक हैं जिसमे एक टोला सेवक, एक तालीमी मरकज, और एक महिला शिक्षिका है।
Values Along with Education: अभिभावकों को भी किया जाता जागरूक
इलाका पिछड़ा होने के बाद भी रोज स्कूल के शिक्षक बच्चों को स्कूल भेजने के लिए उनके अभिवावकों को जागरूक करते हैं। बच्चो को हर विषय में शिक्षक अच्छे से जानकारी देते हैं। वह भी खेल खेल में।
Values Along with Education: पर्व जैसा बनाया जाता माहौल
स्कूल के शिक्षक संजय कुमार बताते हैं कि जब भी किसी महापुरुष का जन्मदिन होता है उनके बारे में पूरी जानकारी दी जाती है। वही किसी पर्व के आने से पहले पर्व के बारे में बताने के लिए वैसा ही माहौल बनाया जाता है। इससे बच्चे अच्छे से समझते हैं।
Values Along with Education: सुनाते हैं कहानियां, खेलकूद की भी सुविधा
शिक्षक सील आनन्द ने बताया कि एक लाइब्रेरी है जिसमे बच्चों को ज्ञानवर्धक किताबें मिलती हैं। हर रोज एक किताब बच्चे घर ले जाते हैं और अगले दिन उस किताब से एक कहानी सुनाते हैं। बच्चो को खेलने के लिए बैट-बॉल, फुटबॉल, बैडमिंटन सहित कई सामग्री रखी हुई हैं।
शिक्षा की गुणवत्ता देख अभिभावक करवा रहे अपने बच्चों का दाखिला
स्कूल के प्रधानाध्यापक रमेश सिंह पटेल बताते हैं कि शिक्षा की गुणवत्ता देख कर कई अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूल से नाम कटवा कर इस स्कूल में अपने बच्चों का दाखिला कराया है।
रिपोर्टः प्रमोद कुमार, संवाददाता, कैमूर, बिहार
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