Uttarkashi Tunnel Accident: 41 जिंदगियां बचाने की जद्दोजहद
Uttarkashi Tunnel Accident सिल्कयारा सुरंग में 10 दिनों से फंसे 41 मजदूरों की पहली तस्वीर मंगलवार को जारी की गई। सभी कर्मचारी एंडोस्कोपिक कैमरे में सुरक्षित दिखाई दिए। जिसे 15 सेमी लंबी ट्यूब के माध्यम से अंदर भेजा गया था। उनसे वॉकी-टॉकी के जरिए बात भी की गई। इस पाइप के माध्यम से श्रमिकों को दवाएँ, संतरे, केले, रोटी, सब्जियां, पुलाव और नमक भेजा गया।
Uttarkashi Tunnel Accident
इस बीच, श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए जापान रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन सुरंग के अंदर से बचाव अभियान पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। डॉ. महमूद अहमद ने कहा कि बचाव अभियान की पूरी जानकारी बुधवार(22 नवंबर) को घोषित की जाएगी। उन्होंने कहा पहले 22 मीटर तक भेजे गए 900 मिमी पाइपों में से 800 मिमी पाइप अब टेलीस्कोपिक तकनीक का उपयोग करके भेजे जाएंगे।
उन्होंने आगे बताया कि अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है। इसकी ड्रिलिंग गति 5 मीटर प्रति घंटा है, लेकिन प्रतिबंधों के कारण यह उस गति से काम नहीं कर सका। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि गुरुवार को श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा।
कंपनी के महाप्रबंधक अंशु मनीष खल्खो ने बताया कि बड़कोट टनल की तरफ भी काम शुरू हो गया है। करीब आठ मीटर तक दो वर्ग मीटर की बचाव सुरंग खोदी जा चुकी है। हालांकि, वहां तक मजदूरों को पहुंचाने के लिए करीब 325 मीटर खुदाई करनी पड़ेगी।
पीएम ने कहा, सभी को बचाना प्राथमिकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रमिकों को बचाने के लिए किए जा रहे बचाव कार्यों के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी स्थिति में श्रमिकों की सुरक्षित निकासी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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