Uttarakhand: पौड़ी में खूनी बाघ का आतंक बरकरार, स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों में 21 अप्रैल तक छुट्टी
पौड़ी के दर्जनों गोवों में खूनी बाघ का आतंक बना हुआ है। प्रशासन ने जिले के दो तहसील क्षेत्रों में नाइट कर्फ्यू के साथ स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में 21 अप्रैल तक छुट्टी घोषित की है। प्रशासन और वन विभाग की टीमें हमलावर बाघ को पकड़ने के प्रयास कर रही हैं।
पौड़ी के दो दर्जन से अधिक गांव खौफ के साये में हैं। और इस खौफ की वजह है खूनी बाघ। जिसने 13 और 15 अप्रैल को हमला कर दो लोगों को मार डाला है। अभी भी बाघ के हमले का खतरा बना हुआ है जिससे ग्रामीण दहशत में हैं। बाघ को पकड़ने के लिए प्रशासन और वन विभाग की टीमें दिन- रात गश्त कर रही हैं। बाघ को पिंजरे में पकड़ने और ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश की जा रही है।
लेकिन अभी तक इसमें सफलता नहीं मिली है। बाघ के खतरे के मद्देनजर रिखणीखाल और धुमाकोट तहसील क्षेत्र के दो दर्जन गांवों में शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है। साथ ही क्षेत्र के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में 21 अप्रैल छुटटी बढ़ा दी गई है। डीएम पौड़ी ने बताया है कि वन विभाग के अधिकारियों से विशेषज्ञों से भी मदद लेने को कहा गया है।
कैमरा ट्रैप और ड्रोन से बाघ की गतिविधियों की लगातार निगरानी की जा रही है। ग्रामीणों से बाघ की कोई गतिविधि या मौजूदगी दिखाई देने पर इसकी तत्काल जानकारी वन विभाग को देने की अपील की गई है। प्रशासन ने तमाम एहतियाती इंतजाम किए हैं लेकिन बाघ पर अभी काबू नहीं पाया जा सका है। जिससे रिखणीखाल और धुमाकोट इलाके में खूनी बाघ का खौफ बना हुआ है।
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