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Uttarakhand: पौड़ी जिले में खूनी बाघ की दहशत बरकरार

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पौड़ी में बाघ के आतंक से लोगों को निजात दिलाने के लिए वन विभाग बाघ को आदमखोर घोषित करने पर विचार कर रहा है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि सरकार के लिए स्थानीय लोगों को जान की सुरक्षा पहली  प्राथमिकता है। इसलिए जरूरत पड़ी तो बाघ को आदमखोर घोषित कर मारने के आदेश दिए जाएंगे। 

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उत्तराखंड के पौड़ी जिले के दर्जनों गांव बाघ के आतंक से जूझ रहे हैं। जिले के रिखणीखाल और धूमाकोट तसहील क्षेत्र में बाघ के डर से लोगों का घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है। बाघ ने 13 और 15 अप्रैल को हमला कर दो लोगों को मार डाला जिसे बाद इलाके में डर का माहौल है। हालात की गंभीरता को देखते हुए डीएम पौड़ी ने रिखणीखाल और धुमाकोट तहसील के दो दर्जन गावों में में अगले आदेश तक नाईट कर्फ्यू लगा दिया है।

वहीं स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में भी 21 अप्रैल तक छुट्टी घोषित की गई है। प्रशासन और वन विभाग की टीमें बाघ को पकड़ने के प्रयास में लगी हैं। कई जगह पिंजरे लगाए गए हैं। ड्रोन से बाघ की लोकेशन का पता लगाया जा रहा है जिससे उसे ट्रैंकुलाइज कर काबू किया जा सके। लेकिन अभी तक बाघ को पकड़ने की सभी कोशिशें नाकाम रही हैं।

वहीं बाघ के बढ़ते आतंक को देखते हुए वन विभाग बाघ को आदमखोर घोषित कर उसे मारने का आदेश जारी करने पर बी विचार कर रहा है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि स्थानीय लोगों के जान की सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है इसलिए जरूरत पड़ी तो बाघ को मारने के लिए भी आदेश जारी कर दिए जाएंगे।

मानव वन्यजीव संघर्ष का ताजा उदाहरण है पौड़ी जिले में फैला बाघ का आतंक। जहां बाघ लोगों के जान का दुश्मन बना हुआ है। और लोग बाघ से अपनी जान बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं। लेकिन ये हालात ज्यादा दिन चलने वाले नहीं हैं। वन मंत्री ने साफ कर दिया है कि जरूरत पड़ी तो बाघ को मारने का आदेश दिया जाएगा जिससे लोगों को बाघ की दहशत से मुक्ति दिलाई जा सके। वहीं वन्यजीव प्रेमी बाघ के पकड़े जाने की दुआएं कर रहे हैं जिससे ये वन्यजीव भी सुरक्षित रहे और इंसानी जिंदगियां भी।

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