Advertisement

Uttarakhand: जोशीमठ में भूधंसाव को लेकर उठ रहे सवाल

Share
Advertisement

जोशीमठ में हुए भूधंसाव के कारणों की जांच के बीच,  IIRS की रिपोर्ट में ये कहा गया है पनबिजली परियोजनाएं, भूस्खलन का कारण नहीं हैं। संस्थान की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पनबिजली परियोजनाओं की वजह से इनके आसपास के क्षेत्रों में भूस्खलन कम हुआ है।

Advertisement

जोशीमठ में हुए भूधंसाव के पीछे धौलीगंगा पर बन रही एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना को भी बड़ा कारण बताया गया। लेकिन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, IIRS देहरादून की रिपोर्ट में कहा गया है कि पनबिजली परियोजनाएं, भूस्खलन का कारण नहीं हैं। संस्थान की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पनबिजली परियोजनाओं की वजह से इनके आसपास के क्षेत्रों में भूस्खलन कम हुआ है। देश की नौ जल विद्युत परियोजनाओं के अध्ययन के बाद ये रिपोर्ट जारी की गई है।

जिनमें उत्तराखंड के धौलीगंगा नदी पर बन रही एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना भी शामिल है। अध्ययन में परियोजना के निर्माण की शुरुआत से 10 साल पहले और पावर स्टेशन की वर्तमान स्थिति तक भूस्खलन की स्थिति पर मैप तैयार किए गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्यादातर मामलों में परियोजना के निर्माण से पहले देखे गए भूस्खलन क्षेत्र की तुलना में बाद में भूस्खलन क्षेत्र में काफी कमी आई है।

अध्ययन से पता चला है कि जलविद्युत परियोजनाओं के आसपास भूस्खलन गतिविधियां, परियोजना की निर्माण गतिविधि से संबंधित नहीं हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर मामलों में, जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण और संबंधित गतिविधियों और कमीशनिंग के बाद की हाइड्रोलॉजिकल स्थिति ने क्षेत्र को स्थिर करने में मदद की है।जोशीमठ में भूधंसाव कारणों की 8 वैज्ञानिक संस्थानों ने जांच की है।

जिनके जांच रिपोर्ट के आधार पर एक संयुक्त विस्तृत रिपोर्ट एनडीएमए को जारी करनी है। जिसके बाद ही साफ हो पाएगा कि जोशीमठ में भूस्खलन के क्या कारण रहे। जोशीमठ भूधंसाव को लेकर एनटीपीसी की जलविद्युत परियोजना पर भी सवाल उठे हैं, जिसके कारण परियोजना के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है।लेकिन IIRS की ओर से जारी रिपोर्ट में भूधंसाव से जलविद्युत परियोजना का कोई संबंध होने की संभावना को नकार दिया गया है।

ये भी पढ़ेंं:Uttarakhand: सीएम पुष्कर सिंह धामी की बीजेपी कार्यकर्ताओं से अपील

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *