Uttarakhand: CM ने मूल निवास और भू कानून के संबंध में लिया महत्वपूर्ण निर्णय
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भू-कानून और मूल निवास की सिफारिशों को लेकर उच्चस्तरीय समितियां बनाने के निर्देश दिए हैं, जबकि इन मुद्दों पर गरमाई सियासत चल रही है। समिति मूल निवास प्रमाण पत्र के प्रारूप से जुड़े मुद्दों को देखेगी।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में जल्द समितियों का गठन हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि मूल निवास प्रमाण पत्र वाले लोगों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी। उनका कहना था कि भू कानून के संबंध में समिति की सिफारिशों का प्रारूप बनाने के लिए भी एक कमेटी बनाई जाएगी। अधिकारियों को इसके लिए निर्देश दिए गए हैं।
24 को महारैली का आयोजन किया गया है
मुख्यमंत्री, जो लोग इस दिशा में काम कर रहे हैं, उनसे मेरा कहना है कि सभी मुद्दों को सकारात्मक बहस के माध्यम से हल करेंगे। ध्यान दें कि प्रदेश में मजबूत भू कानून और मूल निवास प्रमाण पत्र को लेकर 24 को देहरादून में महारैली होगी।
सरकार से स्थायी निवास प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र लेकर हालात स्पष्ट करने की मांग की जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने बुधवार को घोषणा की कि मूल निवास प्रमाण पत्र वाले व्यक्ति को स्थायी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। सरकार बातचीत से इस पूरे मुद्दे को हल करना चाहती है।
सरकार के पास एक साल से भू कानून की रिपोर्ट
सितंबर 22 को भू कानून समिति ने पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में सरकार को अपनी सिफारिशें दीं। लेकिन सरकारी स्तर पर समिति की सिफारिशों को लागू नहीं किया गया।
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