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जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से खतरा बढ़ा, जमीन धंसने से लगातार मकानों में आ रही दरारें

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चमोली के जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव ने विकराल रूप ले लिया है। नगर के नौ वार्डों के 561 मकान भू-धंसाव की चपेट में हैं। और ये संख्या लगातार बढ़ रही है। मकानों में आ रही दरारों से डरे लोग लगातार घर बार छोड़कर पलायन कर रहे हैं। प्रशासन भी प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर रहा है। दो होटलों को पर्यटकों के लिए असुरक्षित घोषित कर बंद कर दिया गया है। औली रोपवे का संचालन भी फिलहाल बंद कर दिया गया है।

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जोशीमठ नगर के नीचे से हो रहे पानी के रिसाव को जमीन धंसने का कारण बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना के लिए हो रहे टनल निर्माण के कारण पानी का रिसाव हो रहा है। वहीं हेलंग मारवाड़ी बाईपास निर्माण के कारण पहाड़ों पर हो रही कटिंग को भी जमीन धंसने का कारण बताया जा रहा है। भू-धंसाव के कारण प्रभावित लोग लगातार प्रदर्शन कर उनके पुनर्वास और जोशीमठ को बचाने की मांग कर रहे हैं। जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण का पता लगाने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर विशेषज्ञ कमेटी गठित की गई है।

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान और आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों को कमेटी में शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पहाड़ के उपचार और लोगों के पुनर्वास के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। सीएम ने कहा है कि प्रशासन के अधिकारियों को लोगों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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