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कपाटबंदी का काउंटडाउन शुरू, भाई दूज पर बंद हो रहे केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट

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अब उत्तराखंड के चार धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा पूरी होने वाली है। 14 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद, आज 15 नवंबर को भैयादूज यानी ने यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर समिति ने पूरी तरह से कपाट बंद करने की व्यवस्था की है।

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द्वार सुबह 11.57 बजे बंद होंगे

यमुनोत्री धाम भी भैयादूज के पावन अवसर पर बंद हो जाएगा। सुबह 11.57 बजे यमुनोत्री धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त है।  यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने पर अभिजीत मुहूर्त होगा और मकर लग्न होगा। भाई शनिदेव की उत्सव डोली साढ़े आठ बजे खरशाली गांव से यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने पर यमुना को ले जाएगी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है यमुनोत्री धाम। यमुनोत्री धाम को इस साल 7 लाख से अधिक लोगों ने देखा।

14 नवंबर को बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट

14 नवंबर (मंगलवार) को अन्नकूट पर्व पर श्रद्धालुओं के लिए गंगोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए। मंदिर सर्दियों में छह महीने बंद रहेगा, इस दौरान श्रद्धालु मां गंगा की पूजा मुखबा गांव में कर सकेंगे। सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां गंगा की पूजा करने के बाद मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।चारधाम यात्रा में हुआ तगड़ा कारोबार

गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए इस वर्ष बहुत सुखद और आर्थिक सफल रहा है। यह पहला मौका था जब चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की भीड़ जमा हुई थी। गंगोत्री धाम में 9.05 लाख से अधिक लोग गए हैं, जबकि यमुनोत्री धाम में 7.34 लाख से अधिक लोग गए हैं। तीर्थ पुरोहितों और चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारी और व्यापारी इतनी बड़ी राशि में तीर्थयात्रियों को मिलने से खुश हैं।

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