कोरोना के दैनिक मामलों में गिरावट दर्ज, 24 घंटे में मिले सिर्फ 69 संक्रमित, 2 की मौत, एक्टिव केसों में भी कमी
देहरादून: उत्तराखंड में काफी दिनों बाद दैनिक मामलों में बड़ी गिरावट देखी गई है। दरअसल, राज्य में पिछले 24 घंटे में 69 कोरोना संक्रमित मिले हैं। जबकि दो मरीजों की जान गई है। वहीं 250 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया है। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 1555 से कम हो गई है।
कहां कितने मिले संक्रमित मरीज
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को 21252 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। चंपावत – पौड़ी में एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला है। अल्मोड़ा में 06 और बागेश्वर में 1, चमोली में 1, देहरादून में 9, हरिद्वार में 8, नैनीताल में 8, पिथौरागढ़ में 6, रुद्रप्रयाग में 3, टिहरी में 2, ऊधमसिंह नगर में 9 और उत्तरकाशी में 16 केस आए हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 3 लाख 40 हजार 793 हो गई है। इनमें से 3 लाख 25 हजार 942 लोग ठीक हो चुके हैं। सूबे में वायरस से अब तक कुल 7335 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन कोरोना के केस जहां कम हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ब्लैक फंगस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
ब्लैक फंगस के दो नए मामले आए सामने
जानकारी के अनुसार, सोमवार को ब्लैक फंगस के दो नए मामले आए हैं, वहीं एक मरीज की मौत हुई है। कुल मरीजों की संख्या 509 हो गई है। जबकि 101 मरीजों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार देहरादून जिले में दो मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। फंसग के मरीजों को उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया गया है। जबकि एम्स में भर्ती एक मरीज की मौत हो गई है, 4 मरीजों ठीक हुए हैं। अब तक कुल मरीजों की संख्या 509 हो गई है। 110 मरीज ठीक हो चुके हैं।
बता दें कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से नवजात शिशुओं/बच्चों को बचाने के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस अस्पताल पूरी तरह से तैयार है। अस्पताल में कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों के संक्रमित होने की संभावना को देखते हुए बच्चों के उपचार के लिए आईसीयू वार्ड के 20 बेड समेत 80 बेड की व्यवस्था की गई है। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, वार्ड के लिए स्टाफ की भी तैनाती कर दी गई है।
दरअसल, कोरोना संक्रमण की दो लहरों में बच्चे कम संक्रमित हुए हैं, लेकिन तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, तीसरी लहर बच्चों के लिए हानिकारक होगी। इसके लिए सरकार के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज के अधीन बेस अस्पताल में वार्ड आरक्षित किए गए हैं।
बेस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केपी सिंह का कहना है कि अस्पताल में कोरोना संक्रमित और संभावित संक्रमित बच्चों/नवजात शिशुओं के लिए 80 बेड आरक्षित किए गए हैं। इनमें 10 बेड का एनआईसीयू (नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई) और 10 बेड का पीआईसीयू (बाल गहन चिकित्सा इकाई) वार्ड है। 60 बेड का सामान्य वार्ड है।
प्रो. केपी सिंह का कहना है कि वार्ड के लिए उपकरण, दवाई और अन्य संसाधनों की व्यवस्था कर ली गई है। बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. व्यास कुमार राठौर की ओर से स्टाफ को भी कोरोना संक्रमित नवजात शिशुओं / बच्चों के उपचार का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।