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UP: उत्तर प्रदेश बना देश का चौथा स्टार्टअप इकोसिस्टम, 1 लाख से अधिक नौकरियों का मिलेगा अवसर

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार औद्योगिक विकास और स्टार्टअप को प्रोत्साहित कर रही है। अब उत्तर प्रदेश में आठ यूनिकॉर्न कंपनियां हैं, जिनमें से कई स्टार्टअप यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने की कगार पर हैं। यह राज्य सरकार की कठोर कोशिशों का परिणाम है।

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2025 तक पूरा हो जायेगा सरकार का लक्ष्य

2023 के मध्य तक उत्तर प्रदेश सरकार ने 10,000 स्टार्टअप का लक्ष्य रखा था, जो 2025 तक पूरा हो जाएगा। अनुकूल नीतियां कई नवोदित उद्यमों को यूनिकॉर्न और सूनिकॉर्न बनने में मदद कर रही हैं। देश के 108 यूनिकॉर्न में से आठ उत्तर प्रदेश में हैं। रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, पेटीएम, पेटीएम मॉल, इंडिया मार्ट, मोग्लिक्स, पाइन लैब्स, इनोवाकर, इंफो एज और फिजिक्स देश के यूनिकॉर्न स्टार्टअप में शामिल हैं। यूनिकॉर्न स्टार्टअप एक बिलियन डॉलर से अधिक का मूल्यांकन है।

उत्तर प्रदेश बन गया चौथा बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम

ठीक उसी तरह, सूनीकॉर्न स्टार्टअप हैं जो आसानी से यूनिकॉर्न बन सकते हैं। राज्य में वर्तमान में दो सूनिकॉर्न स्टार्टअप काम कर रहे हैं, जिन्हें क्लास प्लस और इनशॉर्ट्स नाम दिया गया है। राज्य के स्टार्टअप इकोसिस्टम में ‘मिनीकॉर्न’ भी शामिल है, जो एक मिलियन डॉलर से अधिक की वैल्यूएशन वाले स्टार्टअपों की एक विस्तृत श्रृंखला को दर्शाता है, जो योगी सरकार की नीतियों के तहत पनप रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, देश में वर्तमान में चौथा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम उत्तर प्रदेश में है। स्टार्टअप सभी 75 जिलों में हैं, जिनमें से 49% टियर 2 और टियर 3 शहरों में हैं।

लोगों को लिए रोजगार का अवसर

राज्य में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने से एक लाख से अधिक नौकरी के अवसर पैदा हुए हैं। कृषि-तकनीक आधारित स्टार्टअप भी उत्तर प्रदेश में लोगों को रोजगार देने और ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं के विकास में मदद कर रहे हैं।

योगी सरकार ने स्टार्टअप इकोसिस्टम को और मजबूत करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये यूपी स्टार्टअप फंड को दिए हैं, जो उभरते उद्यमों को मदद करने के प्रति अपने प्रतिबद्धता को बढ़ाता है। वहीं, 23 जिलों में 63 इन्क्यूबेशन सेंटर के जरिए स्टार्टअप को बढ़ावा देने की प्रक्रिया चल रही है। राज्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन, मेड टेक, ब्लॉकचेन, 5जी, 6जी, क्वांटम कंप्यूटिंग, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग और स्पेस टेक से जुड़े स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

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