Advertisement

UP: गोरखपुर एम्स में होने जा रही है नई शुरुआत, गर्भ में ही हो सकेगा बच्चे का इलाज

Share
Advertisement

Uttar Pradesh: गोरखपुर एम्स में नई शुरुआत होने जा रही है। इसके जरिए गर्भ में पल रहे बच्चों के बीमारियों का पता जन्म से पहले ही लगाया जा सकेगा और उसका इलाज भी संभव हो सकेगा। अब तक यह सुविधा सिर्फ लखनऊ के एम्स में ही मौजूद थी, लेकिन अब गोरखपुर एम्स में भी यह सुविधा उपलब्ध होने जा रही है। जल्द ही सुविधा शुरू होने के बाद शहर के लोगों को उपलब्ध हो जाएगी और एम्स में इसके लिए निदान केंद्र भी शुरू किया जाएगा। एम्स के बायोकेमेस्ट्री डिपार्टमेंट में इस सेंटर का संचालन होगा।

Advertisement

विस्तार से पढ़ें

गोरखपुर एम्स में निदान केंद्र शुरू होने से नवजात शिशुओं को बीमारियों से बचाया जा सकेगा। पहले गर्भ में पल रहे बच्चे कि बिमारी का पता नहीं लग पाता था। शिशू को कोइ समस्या या बिमारी होने के कारण गर्भ में या पैदा होने के तुरन्त बाद ही उसकी मृत्यु हो जाती थी, लेकिन अब इससे निजात मिल सकेगा। जन्म से पहले अगर बिमारी का पता लग गया तो जन्म के बाद भी बच्चों का इलाज किया जा सकेगा ताकि वह नॉर्मल लाइफ जी सके।


बायोकेमेस्ट्री डिपार्मेंट के डॉक्टर प्रभात सिंह ने बताया कि, इस नई शुरूआत के होने से गर्भ में पल रहे बच्चों की बीमारियों का पता लगाया जा सकेगा, साथ ही गर्भवतियों की स्क्रीनिंग भी हो सकेगी और गर्भावस्था में सामान्य बीमारियों का इलाज होगा। इसके साथ ही कुछ ऐसी बिमारियां भी होती जिसका इलाज नहीं हो पाता है तो उसके बारे में पति-पत्नि को पहले ही बताया जा सकेगा।

डॉक्टर ने बताया कि केंद्र में बीमारियों का पता लगने के बाद दंपतियों का इलाज भी कराया जाएगा। एम्स की कार्यकारी डायरेक्टर डॉक्टर सुरेखा किशोर बताती हैं कि, गर्भावस्था के शुरु के तीन महिने बहुत ही अहम होते हैं, इस समय औरतों के गर्भावस्था की जानकारी सही मिल जाती है। अब डीएनए सीक्वेंसिंग के जरिए गर्भ में पल रहे बच्चों में होने वाली बीमारियों का पहचान किया जा सकता है और उनका सही समय पर इलाज किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें: संदिग्ध परिस्थितियों में महिला की मौत, मायके वालों ने लगाया मौत का आरोप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *