RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्या का पलटवार
RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर स्वामी मौर्य बोले कि संघ प्रमुख के बयान से साफ हो गया है कि धर्म के नाम पर गोरखधंधा जो सालो से चल रहा है। कई संतो ने चिंतकों ने इसका विरोध कर समानता बाद की बात भी कही। उन्होने कहा कि जाति पात विभेद के खिलाफ अभियान भी चलाए गए। अगर हिंदू धर्म सुरक्षित रहे सुनशित रहे तो बुराइयों को दूर करने के लिए धर्माचार्य आगे आए
अगर किसी पाठ्य पुस्तक, किसी साहित्य में जाति सूचक शब्द का प्रयोग कर नीच कहा गया महिलाओ को नीच में भी नीच बताया गया। ऐसे शब्दों को उन पुस्तकों से बाहर किया जाना चाहिए, ताकि आगे कभी विवाद ना हो। संविधान किसी भेदभाव की इजाजत नही देता। इसके साथ हीं उन्होने कहा कि धर्माचार्यों को अब आगे आना चाहिए। हमारी आपत्ति के हिसाब से उस अंश को निकालने के बजाय हमारा सर काटने की बात की जाने लगी। इसके अलावा मौर्या ने ये भी बोला कि मैं दलित पिछड़ी जाति का हूं, इसलिए मेरा सिर काटने की बात कही गई। क्या संघ प्रमुख के सिर नाक कान जीभ को काटने की ये संत बात कहेंगे?