लखनऊ कोर्ट के बाहर अचानक चलने लगीं गोलियां, जानें गैंगस्टर जीवा के मर्डर के वक्त का पूरा सीन

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को एसटीएसी कोर्ट परिसर में दिन-दहाड़े गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। ताबड़तोड़ चली गोलियों की चपेट में आने से एक बच्ची की जान भी चली गई। वहीं कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।
आपको बता दे कि गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी था। हिस्ट्रीशिटर संजीव को मारने के लिए शुटर्स पूरी प्लानिंग के साथ वकीलों का भेष बनाकर कोर्ट में मौजूद थे। गैंगस्टर के परिसर में आते ही शुटर्स ने धड़ाधड़ फायरिंग करना शुरू कर दिया। जिसके कारण कोर्ट रूम में अफरा-तफरी मच गई। जज के साथ ही वकीलों ने टेबल का सहारा लेकर खुद को सेफ किया।
क्यो दी गई सिक्योरिटी में ढील
इस घटना के बारे में लखनऊ सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके जीएन शुक्ला उर्फ चच्चू का कहाना है कि ‘लखनऊ के कोर्ट परिसर में जो घटना हुई, वह बहुत ही दुखद है। इतिहास में पहली बार लखनऊ कोर्ट में इस तरह की घटना घटित हुई है। जब पुलिस जानती थी कि वह कुख्यात अपराधी है तो उसकी सिक्योरिटी में ढील क्यों दी गई।’
वकील और जज ही नहीं हैं सुरक्षित
जीएन शुक्ला ने आगे कहा कि ‘घटना में जज साहब बाल-बाल बच गए, उन्होंने खुद को डेस्क की मदद लेकर सेफ किया। इसके बाद वह अपने रूम में चले गए। हमारे वकील और जज ही सुरक्षित नहीं हैं तो बाकी लोग क्या सुरक्षित रहेंगे। पहले दिल्ली की कोर्ट में ऐसी घटना हुई थी, लेकिन अब राजधानी लखनऊ में भी इस तरीके की घटना हो गई इसके चलते वकील तबका आक्रोशित है। कल 12 बजे लखनऊ सेंट्रल बार में एक मीटिंग बुलाई गई है, जिसमें प्रदेश के सभी वकीलों को बुलाया जाएगा। इसके बाद आर-पार की लड़ाई का निर्णय लिया जाएगा।’
अपराधी को क्यों नहीं पहनाई गई बुलेट प्रूफ जैकेट
लखनऊ सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जीएन शुक्ला ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि ‘अपराधी को आज आखिर बुलेट प्रूफ जैकेट क्यों नहीं पहनाई गई थी, जबकि पहले जब वह पेशी पर आता था तो बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर आता था। सुनियोजित ढंग से साजिश रचकर इस वारदात को अंजाम दिया गया। घटना में एक छोटी बच्ची भी घायल हुई है जोकि बहुत ही निंदनीय है।’
कोर्ट के मेटल डिटेक्टर नहीं करते काम
कोर्ट की सुरक्षा को लेकर अधिवक्ता जीएन शुक्ला ने कहा कि ‘कोर्ट परिसर में जितने भी मेटल डिटेक्टर लगे हैं, वह काम नहीं करते हैं।पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था में पूरी तरीके से चूक हुई है। इसी नाते यह घटना घटी है, क्योंकि जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है या अंजाम दिलवाया है, उनको यह बात पता थी कि मेटल डिटेक्टर काम नहीं करता है। आज अपराधी कोर्ट में आएगा, उसकी पेशी लगी है। यह सब बहुत दिन से अपराधी को मारने के लिए योजना बना रहे होंगे। उनको पता था कि आज अपराधी कोर्ट में आएगा, उसकी पेशी लगी है। यह सब बहुत दिन से अपराधी को मारने के लिए योजना बना रहे होंगे। उनको पता था कि आज उसकी डेट लगी है और वह पेशी पर आएगा तो उसे मौत की नींद सुला देंगे।’
ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस लॉ एंड ऑर्डर लखनऊ उपेंद्र अग्रवाल ने कहा कि ‘संजीव महेश्वरी जीवा की एससी-एसटी कोर्ट में पेशी थी. उसकी सुनवाई का समय साढ़े तीन बजे के बाद का था। इसी दौरान जब जीवा सुनवाई के लिए कोर्ट रूम में जा रहा था, तभी एक हमलावर पीछे से आया और संजीव जीवा पर फायरिंग करते हुए हमला कर दिया, जीससे उसकी मौत हो गई।’
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