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Mau News: मऊ से वाराणसी के लिए नई ट्रेन का उद्घाटन, PM मोदी दिखाएंगे हरी झंडी

Inauguration of new train from Mau to Varanasi

Inauguration of new train from Mau to Varanasi

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Mau News: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज मऊ वासियों को एक नई ट्रेन की सौगात मिलने वाली है। मऊ से दोहरीघाट तक जाने वाली 40 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली इस ट्रेन का वर्चुअल उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले हैं।

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Inauguration of new train from Mau to Varanasi

आजादी के समय नेतृत्व कर्ताओं के द्वारा विकसित भारत का स्वप्न ना देखने के कारण यह देश उस समय के राष्ट्रों के साथ विकास के मामले में पिछड़ता चला गया। जिसका असर यह हुआ कि भारत एक गरीब और विकासशील देश की श्रेणी में खड़ा हो गया। यहां की जनता अपने मूलभूत सुविधाओं के लिए राजनेताओं और नेताओं के पीछे चक्कर लगाने लगी। जिससे कि उनके कार्यों में भी बाधा उत्पन्न हुई और सभी पिछड़ते चले गए।

आजादी के बाद से सरकार ने नहीं कराया काम

आपको बता दें कि जिस जगह से आज ट्रेन की शुरुआत हो रही है वह आजादी के पहले यहां तक की मुगल काल से भी पहले यह एक व्यापारिक स्थल हुआ करता था। इसके पीछे का कारण यह है कि यह दोहरीघाट सरयू (घाघरा) नदी के किनारे बसा है। जहां पहले जल मार्ग ही सबसे सुगम और सस्ते साधन हुआ करते थे और इसी के माध्यम से यहां के व्यापारी और इस क्षेत्र के लोग देश-विदेश से व्यापार करते थे। शायद यही कारण रहा की अंग्रेजों के शासनकाल में यहां से रेल की पटरी बिछा कर मालवाहक ट्रेन का संचालन शुरू किया गया, जो उसे समय दवाइयां में प्रयोग आने वाले बेस कीमती अफीम की ढुलाई का साधन बना। इस रेल मार्ग का प्रयोग अन्य व्यापारी और लोगों के आने-जाने के रूप में किया जाने लगा। लेकिन आजादी के बाद सरकारों की उदासीनता के चलते इस क्षेत्र का विकास ठप सा हो गया और यहां पर वही पुरानी छोटी लाइनों की ट्रेन चलती रही और अन्य जगहों पर ट्रेनों  ने विकास देखते देखते बड़ी लाइन और डीजल से होते हुए इलेक्ट्रिक तक की यात्रा तय कर ली।

पीछले दस सालों से ठप पड़ा था काम

वहीं रोड और हाईवे के विकास ने जल मार्ग के व्यापार को एकदम नुकसान पहुंचा दिया। जिससे की इस क्षेत्र का विकास और पीछे रह गया और यहां के लोग पूरी तरह से अपने साधनों पर ही निर्भर रह गए, साथ ही इस क्षेत्र के विकास से बाहर होकर समाज से कट गए। 1999–2004 में जब भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार केंद्र में आई तब उसे समय बाजपेई ने आजादी के पहले एकात्म मानववाद के दर्शन का ज्ञान देने वाले दीनदयाल जी के मार्ग पर चलते हुए भारत के चौतरफा विकास और आखिरी व्यक्ति तक विकास के फायदे को पहुंचाने के लिए पूरे भारत को अष्टकोड़ीय रेल मार्ग की परिकल्पना पर चलते हुए उन्होंने भारत भर में रेलों के विकास के लिए आधारशिला तय करते हुए पूरी रूपरेखा बनाई। किन्ही कारणों से अटल बिहारी वाजपेई की सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आई और अगले 10 साल तक तत्कालीन सरकार की उदाशीनता के कारण पूरा विकास ठप पड़ गया।

मऊ के दोहरीघाट से बनारस नई ट्रेन को हरी झंडी देंगे पीएम मोदी

सन 2014 में जब भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में मोदी बनारस लोकसभा से जीत करके प्रधानमंत्री बनने के बाद, पूर्वांचल से आने वाले गाजीपुर के सांसद मनोज सिन्हा को रेल मंत्री बनाया गया। उन्होंने इस क्षेत्र के पूरे समग्र विकास के लिए अटल बिहारी वाजपेई के तत्कालीन रूपरेखा को आगे बढ़ते हुए दीनदयाल के संदेश पर चलते हुए, विकास को आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए पूरी तरह से दरकिनार कर दिए गए दोहरीघाट से मऊ रेल लाइन को एक बार पुनः अमान परिवर्तन की आधारशिला रखते हुए शिलान्यास कर दिया और बीच-बीच में आने वाले अड़चनों को मऊ जिले के यूपी सरकार में मंत्री अरविंद शर्मा ने दूर करते हुए आज 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन करके और लोगों की विकास का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। जिसको लेकर स्थानीय जनता में भी काफी उत्साह है और लोगों को अब देश के साथ कदम से कदम मिलाकर अपने विकास की भविष्य दिखने और संवरने लगी है। उन्हें भी लग रहा है कि अब वह जितनी तेजी से पिछड़े थे अब वह भी विकास की दौड़ में शामिल होते हुए सन 2047 तक विकसित भारत की श्रेणी में खड़े करने के मोदी के सपने को साकार करने में योगदान देंगे।

(मऊ से विनय ज्ञान चंद्र की रिपोर्ट)

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