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Ayodhya Ram Mandir: रामनगरी के 3500 साल पहले के मिले पौराणिक सबूत

Ayodhya Ram Mandir: Mythological evidence found of Ramnagari 3500 years ago

Ayodhya Ram Mandir: Mythological evidence found of Ramnagari 3500 years ago

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Ayodhya Ram Mandir: भारत देश में सबसे अधिक संख्या में हिन्दू सनातन धर्म के अनुयायी रहते हैं। यहां हिन्दू मंदिर और परंपरा सदियों से चली आ रही है। वक्त के साथ भले ही सनातन धर्म के मंदिर उसके साक्ष्य मिट्टी की मोटी परत के नीचे दबकर विलीन हो गए हों पर अक्सर अपने होने के सबूत देते रहते हैं। हाल ही में अयोध्या के3500 वर्षों की पौराणिक, धार्मिक और इतिहास की जानकारी मिली है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के अध्ययन के अनुसार  अध्ययन आगे बढ़ा तो और भी पुरातन साक्ष्य मिलेंगे।

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जिस कागज पर नक्शा बना है, उसे जापान से मंगवाया गया था

बता दें कि ये साक्ष्य मुगलों से भी पहले का है। अध्ययन के अनुसार जिस रामनगरी के जिस वक्त के साक्ष्य बरामद हुए हैं, उस वक्त मुगलों का कोई अस्तित्व ही नहीं था। मुगल तो 1500 के बाद भारत आए थे। 1968 में जन्मभूमि के 500 मीटर के दायरे की खोदाई से जो साक्ष्य जुटाए गए थे, उसका नक्शा बीएचयू में सुरक्षित है। जिस कागज पर नक्शा बना है, उसे जापान से मंगवाया गया था। यह नक्शा अब प्रमाणित साबित हुआ है।

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जल्द ही अध्ययन को देशवासियों के सामने रखा जाएगा

बीएचयू के प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग ने 56 साल पहले किए गए अध्ययन और उससे मिले साक्ष्यों को सामने रखा है। पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. ओंकारनाथ सिंह, डॉ. अशोक सिंह, डॉ. उमेश सिंह का कहना है कि पुरावशेषों को सहेजने के साथ ही इससे जुड़े शोध को रिसर्च पेपर में प्रकाशित किया जाएगा। खोदाई में जो सामग्रियां मिली थीं, उनका दस्तावेजीकरण कराने के साथ ही फोटोग्राफी कराई जा रही है। जल्द ही इस अध्ययन को देशवासियों के सामने रखा जाएगा।

खोदाई में क्या-क्या हुआ बरामद

बीएचयू के प्राचीन इतिहास विभाग में शिक्षक रहे दिवंगत प्रो. एके नारायण, दिवंगत प्रो. पुरुषोत्तम सिंह और दिवंगत डॉ. त्रिभुवन नाथ राय ने 1968 में पहली बार अयोध्या में खोदाई कराई तो काले चमकीले बर्तन, मिट्टी के दूसरे बर्तन सहित अन्य पुरावशेष मिले थे। इनमें कनक भवन, सुग्रीव टीला के आसपास काम हुआ।

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